22 मई दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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🐏मेष

मेहनत का फल मिलेगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। थकान रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। भूमि, आवास की समस्या रह सकती है। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेगा। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। संतान से कष्ट रहेगा।

🐂वृष

भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। मान बढ़ेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। अपनी बुद्धिमत्ता से आप सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे। विकास की योजनाएं बनेंगी। निजीजनों में असंतोष हो सकता है। व्यापार में इच्छित लाभ होगा।

👫मिथुन

भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न लें। व्यावसायिक चिंता दूर हो सकेगी। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएंगे। योजनाएं फलीभूत होंगी।

🦀कर्क

वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वस्तुएं संभालकर रखें। स्वास्थ्य पर व्यय होगा। विवाद न करें। यात्रा में अपनी वस्तुओं को संभालकर रखें। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें। अधीनस्थों की ओर ध्यान दें। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी।

🐅सिंह

बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। आय बढ़ेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। अपने व्यसनों पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करना चाहिए। व्यापार में कर्मचारियों पर अधिक विश्वास न करें। आर्थिक स्थिति मध्यम रहेगी।

🙍‍♀️कन्या

नए अनुबंध होंगे। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। झंझटों में न पड़ें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। कार्य की प्रवृत्ति में यथार्थता व व्यावहारिकता का समावेश आवश्यक है। व्यापार में नई योजनाओं पर कार्य नहीं होंगे। जीवनसाथी का ध्यान रखें।

⚖️तुला

धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी। राजकीय बाधा दूर होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बुद्धि एवं तर्क से कार्य में सफलता के योग बनेंगे। यात्रा कष्टप्रद हो सकती है। अतः उसका परित्याग करें। व्यापार लाभप्रद रहेगा

🦂वृश्चिक

समय ठीक नहीं है। वाहन, मशीनरी व अग्नि के प्रयोग में सावधानी रखें। लेन-देन में सावधानी रखें। विवाद न करें। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। सकारात्मक विचारों के कारण प्रगति के योग आएंगे। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाए रखें

🏹धनु

प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। राजकीय काम बनेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। चिंता रहेगी। जोखिम न उठाएं। संतान से मदद मिलेगी। आर्थिक स्थिति में प्रगति की संभावना है। अचानक धन की प्राप्ति के योग हैं। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें।

🐊मकर

संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। धनार्जन होगा। समाज में प्रसिद्धि के कारण सम्मान में बढ़ौत्री होगी। आजीविका में नवीन प्रस्ताव मिलेंगे। परिवार की समस्याओं को अनदेखा न करें

🍯कुंभ

किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। कामकाज में धैर्य रखने से सफलता मिल सकेगी। योजनाएं फलीभूत होंगी। मित्रों में आपका वर्चस्व बढ़ेगा। स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें।

🐟मीन

दूसरों से अपेक्षा न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। थकान रहेगी। जोखिम न लें। विवाद से बचें। राजकीय सहयोग मिलेगा एवं इस क्षेत्र के व्यक्तियों से संबंध बढ़ेंगे। विद्यार्थियों को प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी। व्यापार अच्छा चलेगा। वाणी पर संयम रखें।

🌺 *श्री राम जानकी पंचांगम्* 🌺

*दिनांक:- 22/05/2025, गुरुवार*

दशमी, कृष्ण पक्ष,

ज्येष्ठ 

“”””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि———– दशमी 25:11:43       तक 

पक्ष———————— कृष्ण

नक्षत्र—- पूर्वा भाद्रपदा 17:46:27

योग——— विश्कुम्भ 21:48:19

करण———- वणिज 14:20:54

करण——- विष्टि भद्र 25:11:43

वार———————– गुरूवार

माह———————— ज्येष्ठ

चन्द्र राशि—–   कुम्भ 12:07:28

चन्द्र राशि ———————–   मीन

सूर्य राशि—————–   वृषभ

रितु————————-ग्रीष्म

आयन—————– उत्तरायण

संवत्सर—————– विश्वावसु

संवत्सर (उत्तर)————— सिद्धार्थी

विक्रम संवत—————- 2082 

गुजराती संवत————– 2081 

शक संवत—————— 1947 

कलि संवत—————– 5126

वृन्दावन 

सूर्योदय————– 05:28:18

सूर्यास्त—————- 19:03:46

दिन काल———— 13:35:27

रात्री काल————- 10:24:08

चंद्रास्त————– 13:57:06

चंद्रोदय—————- 26:21:26

लग्न—-   वृषभ 6°57′ , 36°57′

सूर्य नक्षत्र————— कृत्तिका

चन्द्र नक्षत्र———– पूर्वा भाद्रपदा

नक्षत्र पाया——————- ताम्र 

*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*

सो—- पूर्वा भाद्रपदा 06:26:17

दा—- पूर्वा भाद्रपदा 12:07:28

दी—- पूर्वा भाद्रपदा 17:46:27

दू—-उत्तरा भाद्रपदा 23:23:17

थ—- उत्तरा भाद्रपदा 28:58:01

*💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

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सूर्य=  वृषभ 06°49,       कृतिका   4       ए 

चन्द्र= कुम्भ 26°30 ,       पूo भा o 2    सो 

बुध =मेष 27°52 ‘           कृतिका   1     अ 

शु क्र= मीन 21°05,        रेवती     2      दो 

मंगल=कर्क 21°30 ‘   आश्लेषा’      2     डू 

गुरु=मिथुन  01°30   मृगशिरा,      3      का 

शनि=मीन 05°88 ‘    उ o भा o  , 1       दू 

राहू=(व) मीन 29°52 पू o भा o,     3    दा 

केतु= (व)कन्या 29°52  उ oफा o 1      टे

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*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 13:58 – 15:40 अशुभ

यम घंटा 05:28 – 07:10 अशुभ

गुली काल 08:52 – 10: 34अशुभ 

अभिजित 11:49 – 12:43 शुभ

दूर मुहूर्त 10:00 – 10:54 अशुभ

दूर मुहूर्त 15:26 – 16:21 अशुभ

वर्ज्यम 26:44* – 28:14* अशुभ

प्रदोष 19:04 – 21:10       शुभ

🚩पंचक         अहोरात्र       अशुभ

💮चोघडिया, दिन

शुभ 05:28 – 07:10 शुभ

रोग 07:10 – 08:52 अशुभ

उद्वेग 08:52 – 10:34 अशुभ

चर 10:34 – 12:16 शुभ

लाभ 12:16 – 13:58 शुभ

अमृत 13:58 – 15:40 शुभ

काल 15:40 – 17:22 अशुभ

शुभ 17:22 – 19:04 शुभ

🚩चोघडिया, रात

अमृत 19:04 – 20:22 शुभ

चर 20:22 – 21:40 शुभ

रोग 21:40 – 22:58 अशुभ

काल 22:58 – 24:16* अशुभ

लाभ 24:16* – 25:34* शुभ

उद्वेग 25:34* – 26:52* अशुभ

शुभ 26:52* – 28:10* शुभ

अमृत 28:10* – 29:28* शुभ

💮होरा, दिन

बृहस्पति 05:28 – 06:36

मंगल 06:36 – 07:44

सूर्य 07:44 – 08:52

शुक्र 08:52 – 10:00

बुध 10:00 – 11:08

चन्द्र 11:08 – 12:16

शनि 12:16 – 13:24

बृहस्पति 13:24 – 14:32

मंगल 14:32 – 15:40

सूर्य 15:40 – 16:48

शुक्र 16:48 – 17:56

बुध 17:56 – 19:04

🚩होरा, रात

चन्द्र 19:04 – 19:56

शनि 19:56 – 20:48

बृहस्पति 20:48 – 21:40

मंगल 21:40 – 22:32

सूर्य 22:32 – 23:24

शुक्र 23:24 – 24:16

बुध 24:16* – 25:08

चन्द्र 25:08* – 25:59

शनि 25:59* – 26:52

बृहस्पति 26:52* – 27:44

मंगल 27:44* – 28:36

सूर्य 28:36* – 29:28

          *🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩*        

वृषभ   > 05:14 से  06:32   तक

मिथुन  > 06:32 से 09:22     तक

कर्क    > 09:22  से 11:36     तक

सिंह    > 11:36  से  13:52    तक

कन्या  > 13:52  से   16:08   तक

तुला   >  16:08  से  18:20    तक

वृश्चिक > 18:20 से  20:44    तक

धनु     > 20:44  से  22:54    तक

मकर   > 22:54 से  00:38     तक

कुम्भ   > 00:38  से  01:58    तक

मीन    > 01:58  से  03:18     तक

मेष     > 03:18  से  05:20     तक

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*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा बेसन लड्डू खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

  15 + 10 + 5 +  1 = 31  ÷ 4 = 3 शेष

 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

*💮    शिव वास एवं फल -:*

   25 + 25 + 5 = 55 ÷ 7 =  6 शेष

क्रीड़ायां = शोक , दुःख कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

दोपहर 14:16 से 25:22 तक 

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी 

*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*

 *विश्व वैदिक विविधता दिवस 

*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*

यस्मिन रुष्टे भयं नास्ति तुष्टे नैव धनागमः ।

निग्रहाऽनुग्रहोनास्ति स रुष्टः किं करिष्यति ।।

।। चा o नी o।।

  जिसके डाँटने  से सामने वाले के मन में डर नहीं पैदा होता और प्रसन्न होने के बाद जो सामने वाले को कुछ देता नहीं है  I वो ना किसी की रक्षा कर सकता है ना किसी को नियंत्रित कर सकता है ई ऐसा आदमी भला क्या कर सकता है I

*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

न हि देहभृता शक्यं त्यक्तुं कर्माण्यशेषतः ।,

यस्तु कर्मफलत्यागी स त्यागीत्यभिधीयते ॥,

 क्योंकि शरीरधारी किसी भी मनुष्य द्वारा सम्पूर्णता से सब कर्मों का त्याग किया जाना शक्य नहीं है, इसलिए जो कर्मफल त्यागी है, वही त्यागी है- यह कहा जाता है॥,11॥,

 आचार्य पं अशोक मिश्रा मुंबई

                मो.9870190475

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