“जुलाई में बिजली दरें नहीं बढ़ेंगी” – लेकिन TANGEDCO की आर्थिक हालत गंभीर

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समग्र समाचार सेवा 

चेन्नई, 21 मई — तमिलनाडु के बिजली मंत्री श्री वी. शिवशंकर ने उन रिपोर्टों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है, जिनमें कहा गया था कि राज्य में जुलाई 2025 से बिजली दरों में फिर से बढ़ोतरी की जा सकती है। हाल ही में सामने आईं खबरों के बाद उपभोक्ताओं के बीच चिंता बढ़ गई थी कि तमिलनाडु इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन (TNERC) ने TANGEDCO को नई दरें लागू करने की सिफारिश की है।

पिछले कुछ वर्षों में बिजली दरों में बढ़ोतरी के कई दौर देखे गए हैं:

  • 2022 में बड़ा संशोधन हुआ था।
  • 2023 में जुलाई में 2.18% की बढ़ोतरी हुई थी।
  • और 2024 में जुलाई में 4.8% की दरों में वृद्धि हुई थी।

इस पृष्ठभूमि में लोग अंदेशा लगा रहे थे कि 2025 में भी जुलाई में बिजली दरें बढ़ सकती हैं। लेकिन अब मंत्री शिवशंकर के आधिकारिक बयान के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई है।

मंत्री का सख्त बयान: अफवाहें निराधार हैं

बिजली मंत्री शिवशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा:

“तमिलनाडु में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। सभी मुफ्त बिजली योजनाएं यथावत जारी रहेंगी। TNERC द्वारा इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।”

यह घोषणा राज्य के 2 करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की खबर है।

दरें बढ़ाने का नियम और पृष्ठभूमि

तमिलनाडु में TNERC हर साल बिजली दरों की समीक्षा करता है और जरूरत के अनुसार संशोधन करता है। यह प्रक्रिया मुख्यतः ईंधन लागत, महंगाई दर और TANGEDCO की आर्थिक स्थिति पर निर्भर करती है।

  • 2022 में दस वर्षों के बाद बड़े पैमाने पर संशोधन हुआ था।
  • 2023 में 2.18% और 2024 में 4.8% की दर से बढ़ोतरी हुई थी।
  • ये संशोधन केंद्र सरकार की वित्तीय पुनर्गठन योजना के अनुरूप किए गए थे।

इस वर्ष जुलाई में भी संशोधन की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन अब मंत्री ने इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया है।

राजनीतिक दृष्टिकोण: मुफ्त बिजली बनाम वित्तीय बोझ

तमिलनाडु में बिजली न केवल एक बुनियादी सेवा है, बल्कि यह राजनीतिक वादा भी बन चुकी है। घरेलू उपभोक्ताओं, किसानों, बुनकरों आदि के लिए मुफ्त बिजली योजनाएं तमिलनाडु की राजनीति का अहम हिस्सा हैं।

DMK सरकार भी इन योजनाओं को जारी रखे हुए है:

  • हर महीने 100 यूनिट मुफ्त बिजली
  • किसानों के लिए मुफ्त कृषि बिजली कनेक्शन
  • कमजोर वर्गों के लिए विशेष दरें

माना जा रहा है कि मंत्री का यह बयान आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले राजनीतिक लाभ के रूप में भी देखा जा सकता है।

TANGEDCO की आर्थिक हालत गंभीर

जहां एक ओर उपभोक्ताओं को राहत मिली है, वहीं राज्य की बिजली वितरण कंपनी TANGEDCO की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है।

  • कंपनी पर हजारों करोड़ का घाटा है।
  • मुफ्त बिजली योजनाओं का बोझ बढ़ता जा रहा है।
  • ट्रांसमिशन लॉस, सब्सिडी भुगतान में देरी और बढ़ती लागत से स्थिति और गंभीर है।

इसके बावजूद सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं पर बोझ न डालने का निर्णय लिया है। यह भी संभावना है कि राज्य सरकार केंद्र से अतिरिक्त वित्तीय सहायता मांग सकती है।

जनता की प्रतिक्रिया: राहत के साथ चिंता भी

जहां अधिकतर उपभोक्ता मंत्री के इस बयान से खुश हैं, वहीं ऊर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ और उद्योग जगत के लोग चिंता जता रहे हैं।

एक उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ता ने कहा:

हम स्वागत करते हैं कि बिजली दरें नहीं बढ़ेंगी, लेकिन सरकार को TANGEDCO को वित्तीय रूप से सक्षम भी बनाना होगा। सुधार और पारदर्शिता जरूरी है।

वहीं उद्योग जगत में इस बात को लेकर स्पष्टता नहीं है कि क्या व्यावसायिक उपभोक्ताओं पर कोई दर वृद्धि लागू होगी या नहीं, क्योंकि मंत्री का बयान केवल घरेलू कनेक्शनों तक सीमित था।

तमिलनाडु में बिजली दरें एक भावनात्मक और राजनीतिक विषय रही हैं। जुलाई में संभावित वृद्धि की अटकलों को मंत्री शिवशंकर ने समय रहते खारिज कर राज्य के लाखों उपभोक्ताओं को राहत दी है। लेकिन TANGEDCO की आर्थिक हालत और सब्सिडी का बढ़ता बोझ सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती बना रहेगा। आने वाले महीनों में यह देखना होगा कि मुफ्त बिजली योजनाएं कितनी टिकाऊ साबित होती हैं I

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