स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप, पत्नी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच इस्तीफे की पेशकश

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समग्र समाचार सेवा 

मैड्रिड, 20 मई –स्पेन के समाजवादी प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ इस समय जबरदस्त राजनीतिक संकट में घिर गए हैं। उनकी पत्नी बेगोनिया गोमेज़ पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच उन्होंने इस्तीफा देने की संभावना जताई है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक और बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है—यूरोविज़न जैसे सांस्कृतिक मंच पर इजरायल की भागीदारी का विरोध कर।

सांचेज़ ने सार्वजनिक रूप से यह बयान दिया कि इजरायल को यूरोविज़न सॉन्ग कॉन्टेस्ट में भाग नहीं लेना चाहिए, क्योंकि गाजा में चल रहे युद्ध में इजरायल की भूमिका “अन्यायपूर्ण बमबारी” जैसी है। उन्होंने यह भी कहा कि यूरोप को “संस्कृति में दोहरे मापदंड” नहीं अपनाने चाहिए।

यह बयान ऐसे समय पर आया है जब खुद सांचेज़ की सरकार पर नैतिकता और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। उनकी पत्नी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच चल रही है, और इस पूरे विवाद ने सांचेज़ की राजनीतिक साख पर गहरा असर डाला है।

यूरोविज़न में इजरायल की भागीदारी को लेकर सांचेज़ का विरोध कई आलोचकों को यह कहने पर मजबूर कर रहा है कि प्रधानमंत्री संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय मुद्दों का उपयोग अपनी छवि सुधारने और घरेलू संकट से ध्यान भटकाने के लिए कर रहे हैं।

स्पेन का राष्ट्रीय प्रसारक RTVE भी इस विवाद में शामिल हो गया है। यूरोविज़न के आयोजकों EBU ने RTVE को गाजा का उल्लेख न करने की चेतावनी दी थी, फिर भी उन्होंने फिलिस्तीन के समर्थन में संदेश प्रसारित किया। अप्रैल में RTVE ने EBU को एक पत्र लिखकर इजरायल की भागीदारी पर “बहस” की मांग की थी।

ऐसे में सवाल उठता है: क्या पेड्रो सांचेज़ केवल अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहे हैं? जब उनकी अपनी सरकार पर नैतिकता का संकट हो, तब दूसरे देशों को नैतिकता का पाठ पढ़ाना क्या एक दोगली राजनीति नहीं है?

एक ओर वे अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों की बात करते हैं, दूसरी ओर खुद उनकी पत्नी पर आरोप हैं और वे अपने पद से चिपके हुए हैं। ऐसे में उनकी निष्पक्षता और नैतिकता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

पेड्रो सांचेज़ का इस्तीफे का संकेत देना एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जिससे वे जनभावनाओं का फायदा उठा सकें। परंतु यह देखना होगा कि क्या स्पेन की जनता इस राजनीतिक नाटक को समझती है या नहीं।

स्पेन में अब बहस केवल इस्तीफे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भी पूछा जा रहा है कि क्या देश का नेतृत्व ऐसे नेता के हाथ में होना चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोहरी बात करे और अपने घर की सफाई भूल जाए।

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