तुर्की कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द: हाईकोर्ट में गरमागरम बहस, सरकार ने बताया ‘राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल’
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली 20 मई -दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को तुर्की स्थित कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (Celebi Airport Services Pvt Ltd) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इस याचिका में नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) द्वारा कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के फैसले को चुनौती दी गई है।
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, और इसके पीछे के कारण सार्वजनिक करना देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि सुरक्षा मंजूरी रद्द करने का निर्णय ऐसे इनपुट्स के आधार पर लिया गया है जो बेहद संवेदनशील हैं और उन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी के कर्मचारी हवाईअड्डे के हर हिस्से तक पहुंच रखते हैं, जिससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
सेलेबी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि कंपनी को ना तो सुनवाई का अवसर दिया गया और ना ही कोई कारण बताया गया। उन्होंने दावा किया कि यह निर्णय संभवतः तुर्की मूल के शेयरहोल्डर्स के चलते ‘जनभावना’ के आधार पर लिया गया है।
कोर्ट द्वारा यह पूछे जाने पर कि सुरक्षा मंजूरी किस प्रावधान के तहत दी जाती है, रोहतगी ने एयरक्राफ्ट सिक्योरिटी रूल्स के नियम 12 का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सिद्ध करना होगा कि खतरा इतना गंभीर था कि नोटिस देना भी संभव नहीं था।
हालांकि कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में नोटिस देना उल्टा असर डाल सकता है और कंपनी देश विरोधी कार्यवाही कर सकती है। तुषार मेहता ने कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सरकार के इनपुट सौंपे और कहा कि “क्लॉज 9” के तहत कार्रवाई की गई है, क्योंकि मामला संभावित खतरे का है।
सुनवाई बुधवार तक स्थगित कर दी गई है। इस दौरान रोहतगी ने “प्रोपोर्शनैलिटी के सिद्धांत” की बात कही, जिस पर मेहता ने पलटवार करते हुए कहा कि “राष्ट्रीय सुरक्षा में अनुपातिकता का सिद्धांत नहीं होता। दुश्मन को एक बार सफल होना है, लेकिन देश को हर बार।”
सेलेबी ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि इस फैसले से करीब 3,791 नौकरियों और निवेशकों के भरोसे पर असर पड़ेगा और यह बिना किसी चेतावनी के किया गया है।