19 मई दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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🐏मेष
कुबुद्धि हावी रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। विवाद से दूर रहें। कुसंगति से बचें। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। निवेश शुभ रहेगा। भाग्य का साथ रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। प्रसन्नता रहेगी।
🐂वृष
यात्रा मनोरंजक रहेगी। किसी मांगलिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड में सोच-समझकर हाथ डालें। जल्दबाजी न करें। समय अनुकूल है।
👫मिथुन
व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। समय का अपव्यय होगा। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। विवाद से क्लेश होगा। काम में मन नहीं लगेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी व्यक्ति विशेष से अनबन हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।
🦀कर्क
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि नीचा देखना पड़े। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। धनार्जन होगा।
🐅सिंह
शत्रु शांत रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। घर में प्रतिष्ठित अतिथियों का आगमन हो सकता है। व्यय होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय बनी रहेगी। दुष्‍टजनों से दूर रहें। चिंता तथा तनाव रहेंगे।
🙍‍♀️कन्या
भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार प्राप्ति सहज ही होगी। व्यावसायिक यात्रा से लाभ होगा। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। निवेशादि शुभ रहेंगे। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। किसी बड़ी समस्या का हल प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें।
⚖️तुला
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। ऐश्वर्य पर खर्च होगा।
🦂वृश्चिक
प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। शुभ समाचार मिल सकता है। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। चिंता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।
🏹धनु
आराम का समय मिलेगा। आशंका-कुशंका रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कारोबारी नए अनुबंध हो सकते हैं, प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।
🐊मकर
यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। राजभय रहेगा। जल्दबाजी व विवाद करने से बचें। थकान महसूस होगी। किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। कोर्ट व कचहरी के काम अनुकूल रहेंगे। धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता रहेगी।
🍯कुंभ
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक शिथिलता रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। किसी अपने का व्यवहार प्रतिकूल रहेगा। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। नौकरी में अपेक्षानुरूप कार्य न होने से अधिकारी की नाराजी झेलना पड़ेगी।
🐟मीन
कष्ट, भय व चिंता का वातावरण बन सकता है। विवेक से कार्य करें। समस्या दूर होगी। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। कारोबारी लाभ में वृद्धि होगी। नौकरी में शांति रहेगी। सहकर्मियों का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा।
             आचार्य पं. अशोक मिश्रा मुंबई
                    मो.9870190475
                                                                                              *श्री राम जानकी पंचांगम्* 🌺
*दिनांक:- 19/05/2025, सोमवार*
षष्ठी, कृष्ण पक्ष,
ज्येष्ठ 
“”””””””””””””””””””””””””””””“”””””(समाप्ति काल)
तिथि————- षष्ठी 06:10:57       तक 
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र———– श्रवण 19:28:45
योग———– शुक्ल 05:51:20
योग————- ब्रह्म 28:34:37
करण———- वणिज 06:10:56
करण——- विष्टि भद्र 18:05:23
वार———————- सोमवार
माह———————–  ज्येष्ठ
चन्द्र राशि—————-    मकर
सूर्य राशि—————–    वृषभ
रितु———————— ग्रीष्म
आयन——————-उत्तरायण
संवत्सर—————– विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर) —————सिद्धार्थी
विक्रम संवत————— 2082
गुजराती संवत————- 2081 
शक संवत—————— 1947 
कलि संवत—————– 5126
वृन्दावन 
सूर्योदय————–05:29:37
सूर्यास्त—————- 19:02:05
दिन काल————13:32:27
रात्री काल————- 10:27:04
चंद्रास्त————–10:51:35
चंद्रोदय—————- 24:41:11
लग्न—-  वृषभ 4°4′ , 34°4′
सूर्य नक्षत्र—————कृत्तिका
चन्द्र नक्षत्र—————— श्रवण
नक्षत्र पाया——————- ताम्र 
*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*
खू—- श्रवण 07:14:19
खे—- श्रवण 13:22:36
खो—- श्रवण 19:28:45
गा—- धनिष्ठा 25:32:44
*💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*
        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
============================
सूर्य=  वृषभ 04°40,       कृतिका   3       उ 
चन्द्र= मकर 15°30 ,         श्रवण  2    खू 
बुध =मेष 21°52 ‘           भरणी   3     ले 
शु क्र= मीन 20°05,        रेवती     1      दे 
मंगल=कर्क 19°30 ‘   आश्लेषा’      2     डू 
गुरु=मिथुन  00°30   मृगशिरा,      3      का 
शनि=मीन 05°88 ‘    उ o भा o  , 1       दू 
राहू=(व) मीन 00°02 पू o भा o,     4    दी 
केतु= (व)कन्या 00°02  उ oफा o 2      टो
============================
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*
राहू काल 07:11 – 08:53 अशुभ
यम घंटा 10:34 – 12:16 अशुभ
गुली काल 13:57 – 15:39 अशुभ 
अभिजित 11:49 – 12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 12:43 – 13:37 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:25 – 16:20 अशुभ
वर्ज्यम 23:32 – 25:09* अशुभ
प्रदोष 19:02 – 21:09.      शुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत 05:30 – 07:11 शुभ
काल 07:11 – 08:53 अशुभ
शुभ 08:53 – 10:34 शुभ
रोग 10:34 – 12:16 अशुभ
उद्वेग 12:16 – 13:57 अशुभ
चर 13:57 – 15:39 शुभ
लाभ 15:39 – 17:21 शुभ
अमृत 17:21 – 19:02 शुभ
🚩चोघडिया, रात
चर 19:02 – 20:20 शुभ
रोग 20:20 – 21:39 अशुभ
काल 21:39 – 22:57 अशुभ
लाभ 22:57 – 24:16* शुभ
उद्वेग 24:16* – 25:34* अशुभ
शुभ 25:34* – 26:52* शुभ
अमृत 26:52* – 28:11* शुभ
चर 28:11* – 29:29* शुभ
💮होरा, दिन
चन्द्र 05:30 – 06:37
शनि 06:37 – 07:45
बृहस्पति 07:45 – 08:53
मंगल 08:53 – 10:00
सूर्य 10:00 – 11:08
शुक्र 11:08 – 12:16
बुध 12:16 – 13:24
चन्द्र 13:24 – 14:31
शनि 14:31 – 15:39
बृहस्पति 15:39 – 16:47
मंगल 16:47 – 17:54
सूर्य 17:54 – 19:02
🚩होरा, रात
शुक्र 19:02 – 19:54
बुध 19:54 – 20:47
चन्द्र 20:47 – 21:39
शनि 21:39 – 22:31
बृहस्पति 22:31 – 23:23
मंगल 23:23 – 24:16*
सूर्य 24:16* – 25:08*
शुक्र 25:08* – 26:00
बुध 26:00* – 26:52
चन्द्र 26:52* – 27:45
शनि 27:45* – 28:37
बृहस्पति 28:37* – 29:29
*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩
       
वृषभ   > 05:26 से  06:54    तक
मिथुन  > 06:54  से 09:34     तक
कर्क    > 09:34  से 11:48     तक
सिंह    > 11:48  से  14:04    तक
कन्या  > 14:04  से   16:20   तक
तुला   >  16:20  से  18:32    तक
वृश्चिक > 18:32 से  21:00    तक
धनु     > 21:00  से  23:08    तक
मकर   > 23:08 से  00:46     तक
कुम्भ   > 00:46  से  02:06    तक
मीन    > 02:06  से  03:28     तक
मेष     > 03:28  से  05:32     तक
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*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा   +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
  15 + 6 + 2 +  1 = 24  ÷ 4 = 0 शेष
 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरु ग्रह मुखहुति
*    शिव वास एवं फल -:*
  21 + 21 + 5 = 47 ÷ 7 =  5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
*भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
06:11 से 18:02 तक समाप्त 
पाताल लोक = धनलाभा कारक 
*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*
 *सर्वार्थ सिद्धि योग 19:29 तक 
*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*
दुतो न सञ्चरति खे न चलेच्च वार्ता ।
पुर्व न जल्पितमिदं न च सड्गमोऽस्ति ।
व्योम्नि स्थितं रविशाशग्रहणं प्रशस्तं
जानाति यो द्विजवरः सकथं न विद्वान् ।।
।। चा o नी o।।
   कोई संदेशवाहक आकाश में जा नहीं सकता और आकाश से कोई खबर आ नहीं सकती. वहा रहने वाले लोगो की आवाज सुनाई नहीं देती. और उनके साथ कोई संपर्क नहीं हो सकता. इसीलिए वह ब्राह्मण जो सूर्य और चन्द्र ग्रहण की भविष्य वाणी करता है, उसे विद्वान मानना चाहिए.
*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*
गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18
नियतस्य तु सन्न्यासः कर्मणो नोपपद्यते ।,
मोहात्तस्य परित्यागस्तामसः परिकीर्तितः ॥,
(निषिद्ध और काम्य कर्मों का तो स्वरूप से त्याग करना उचित ही है) परन्तु नियत कर्म का (इसी अध्याय के श्लोक 48 की टिप्पणी में इसका अर्थ देखना चाहिए।,) स्वरूप से त्याग करना उचित नहीं है।, इसलिए मोह के कारण उसका त्याग कर देना तामस त्याग कहा गया है॥,7॥,
आचार्य पं. अशोक मिश्रा मुंबई
              मो.9870190475
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