समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19 मई । जिस वायरस को दुनिया पीछे छोड़ आई थी, वो अब एक बार फिर लौटता दिख रहा है — और इस बार पहले से भी ज्यादा चालाक और घातक रूप में। हांगकांग, सिंगापुर, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों में अचानक बढ़े कोविड मामलों ने एक बार फिर पूरे एशिया में दहशत फैला दी है।
हांगकांग में बीते कुछ हफ्तों में कोविड केसों में 300% की उछाल देखी गई है। अस्पतालों में बेड भरने लगे हैं, मास्क फिर से अनिवार्य हो गए हैं और पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर थर्मल स्कैनिंग शुरू कर दी गई है। वहीं सिंगापुर में तो कुछ क्षेत्रों में “मिनी लॉकडाउन जैसी सख्ती” वापस लौट चुकी है।
थाईलैंड के पर्यटन विभाग ने भी चेतावनी जारी की है कि “यदि हालात काबू में न आए, तो सीमाएं फिर से सील करनी पड़ सकती हैं।”
इस बार का वैरिएंट पुरानी लहरों से कुछ अलग बताया जा रहा है। तेजी से फैलने वाला, लेकिन शुरुआती लक्षण बेहद सामान्य जैसे – ज़ुकाम, खांसी और हल्का बुखार। और इसी कारण, लोग देर से जांच करवा रहे हैं, जिससे संक्रमण और तेज़ी से फैल रहा है।
“इस वैरिएंट की सबसे खतरनाक बात ये है कि ये बिना लक्षण के भी लोगों को संक्रमित कर सकता है,” — एक विशेषज्ञ डॉक्टर
हांगकांग से सिंगापुर, और सिंगापुर से थाईलैंड… लाखों की संख्या में लोग हर दिन यात्रा कर रहे हैं। त्योहारों का सीज़न, पर्यटन और व्यापार के चलते एयरपोर्ट्स पर भीड़ बढ़ गई है, जो संक्रमण के लिए आदर्श माहौल तैयार कर रही है।
“सिर्फ एक लापरवाह यात्री सैकड़ों को बीमार कर सकता है” — हेल्थ मिनिस्ट्री ऑफ थाईलैंड
भारत सरकार की ओर से अब तक कोई पैनिक अलर्ट नहीं आया है, लेकिन हेल्थ मिनिस्ट्री सतर्क हो चुकी है। एयरपोर्ट्स पर रैंडम कोविड टेस्टिंग की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है और राज्यों को एडवाइजरी जारी की गई है कि किसी भी संदिग्ध लक्षण पर रिपोर्ट की जाए।
“मास्क मत हटाइए, हाथ धोना मत भूलिए, भीड़ से बचिए – क्योंकि कोरोना अभी गया नहीं है।”
हांगकांग से उठी ये लहर अब सिंगापुर और थाईलैंड को चपेट में ले चुकी है। क्या भारत अगला है? यह सवाल अब हवा में तैर रहा है। स्वास्थ्य एजेंसियों की नज़रें टिकी हुई हैं, लेकिन असली लड़ाई तो हमारी सजगता से ही जीती जाएगी।