16 मई दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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🐏मेष
दूसरे से अधिक अपेक्षा करेंगे। जल्दबाजी से काम में बाधा उत्पन्न होगी। दौड़धूप अधिक रहेगी। बुरी सूचना मिल सकती है, धैर्य रखें। बनते कामों में देरी होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। मित्रों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। आय में निश्चितता रहेगी।
🐂वृष
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। कोई मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार में प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से हानि संभव है। शरीर कष्ट से बचें।
👫मिथुन
नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति पर व्यय होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। नए मित्र बनेंगे। नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बन सकती है। व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शुभ समय।
🦀कर्क
दूर से सुखद सूचना मिल सकती है। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। बुद्धि का प्रयोग करें। लाभ बढ़ेगा। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा।
🐅सिंह
मेहनत का फल मिलेगा। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबार मनोनुकूल लाभ देगा। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय बढ़ेगा। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय सताएगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। किसी मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। बुरे लोगों से दूर रहें।
🙍‍♀️कन्या
परिवार तथा मित्रों के साथ कोई मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। रुका हुआ पैसा मिलने का योग है। मित्रों के सहयोग से कार्य पूर्ण होंगे। नया कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रशंसा प्राप्त होगी। समय अनुकूल है। आलस्य त्यागकर प्रयास करें।
⚖️तुला
पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय भावना में बहकर न करें। बुद्धि का प्रयोग लाभ में वृद्धि करेगा। आय बनी रहेगी। थकान महसूस होगी।
🦂वृश्चिक
कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। योजना फलीभूत होगी। कारोबार में वृद्धि पर विचार हो सकता है। नौकरी में अधिकारीगण प्रसन्न रहेंगे। मातहतों का सहयोग मिलेगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। व्यापार में मनोनुकूल लाभ होगा। उत्साह व प्रसन्नता रहेगी। स्वास्थ्‍य उत्तम रहेगा। शुभ समय।
🏹धनु
किसी धार्मिक स्थल की यात्रा की आयोजना हो सकती है। सत्संग का लाभ मिलेगा। पारिवारिक सहयोग मिलेगा। घर-बाहर सुख-शांति रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन सहायता प्राप्त होगी। धन प्राप्ति में बाधाएं दूर होंगी। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा व्यय हो सकता है।
🐊मकर
चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। लापरवाही न करें। किसी व्यक्ति से व्यर्थ विवाद हो सकता है। मानसिक क्लेश होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में कमी हो सकती है। व्यापार ठीक चलेगा। लोगों से अधिक अपेक्षा न करें।
🍯कुंभ
भूमि, भवन, दुकान, शोरूम व फैक्टरी इत्यादि की खरीद-फरोख्त हो सकती है। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। विवाद को बढ़ावा न दें। कुसंगति से बचें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धन प्राप्ति सुगम होगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।
🐟मीन
जल्दबाजी से काम बिगड़ेंगे तथा समस्या बढ़ सकती है। विरोध होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। बाहर जाने की योजना बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का सहयोग कार्य में आसानी देगा। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे। नौकरी में चैन रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा।
                                                                                          
श्री राम जानकी पंचांगम्
दिनांक:-16/05/2025, शुक्रवार
चतुर्थी, कृष्ण पक्ष,
ज्येष्ठ
“”””””””””””””””””””””””””””””” (समाप्ति काल) 
तिथि————— चतुर्थी 29:12:56      तक
पक्ष————————–– कृष्ण
नक्षत्र—————— मूल 16:06:38
योग—————— सिद्ध 07:13:15
करण——————- बव 16:40:40
करण————— बालव 29:12:56
वार————————- शुक्रवार
माह—————————– ज्येष्ठ
चन्द्र राशि———————    धनु
सूर्य राशि——————–    वृषभ
रितु————————–– ग्रीष्म
आयन——————— उत्तरायण
संवत्सर——————– विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर)————– सिद्धार्थी
विक्रम संवत——————- 2082 
गुजराती संवत—————– 2081 
शक संवत———————-1947 
कलि संवत——————– 5126
वृंदावन
सूर्योदय——————–05:31:07
सूर्यास्त——————– 19:00:22
दिन काल——————13:29:14
रात्री काल—————– 10:30:13
चंद्रास्त——————–07:52:14
चंद्रोदय——————– 22:35:11
लग्न—-  वृषभ 1°11′ , 31°11′
सूर्य नक्षत्र——————-कृत्तिका
चन्द्र नक्षत्र———————–मूल
नक्षत्र पाया——————— ताम्र
                                                                   
पद, चरण  
भा—- मूल 09:38:42
भी—- मूल 16:06:38
भू—- पूर्वाषाढा 22:33:05
धा—- पूर्वाषाढा 28:58:00
    ग्रह गोचर    
        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद
============================
सूर्य=  वृषभ 01°40,       कृतिका   2       ई 
चन्द्र= धनु 07°30 ,              मूल  3     भा 
बुध =मेष 15°52 ‘           भरणी   1     ली 
शु क्र= मीन 16°05,  उ o फाo’     4      ञ 
मंगल=कर्क 18°30 ‘   आश्लेषा’      1     डी 
गुरु=मिथुन  00°30   मृगशिरा,      3      का 
शनि=मीन 05°88 ‘    उ o भा o  , 1       दू 
राहू=(व) मीन 00°10 पू o भा o,     4    दी 
केतु= (व)कन्या 00°10  उ oफा o 2      टो
=======================
शुभा$शुभ मुहूर्त
राहू काल 10:35 – 12:16 अशुभ
यम घंटा 15:38 – 17:19 अशुभ
गुली काल 07:12 – 08:53 अशुभ
अभिजित 11:49 – 12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 08:13 – 09:07 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:43 – 13:37 अशुभ
वर्ज्यम 14:23 – 16:07 अशुभ
प्रदोष 19:00 – 21:08          शुभ
गंड मूल 05:31 – 16:07 अशुभ
चोघडिया, दिन
चर 05:31 – 07:12 शुभ
लाभ 07:12 – 08:53 शुभ
अमृत 08:53 – 10:35 शुभ
काल 10:35 – 12:16 अशुभ
शुभ 12:16 – 13:57 शुभ
रोग 13:57 – 15:38 अशुभ
उद्वेग 15:38 – 17:19 अशुभ
चर 17:19 – 19:00 शुभ
चोघडिया, रात
रोग 19:00 – 20:19 अशुभ
काल 20:19 – 21:38 अशुभ
लाभ 21:38 – 22:57 शुभ
उद्वेग 22:57 – 24:15* अशुभ
शुभ 24:15* – 25:34* शुभ
अमृत 25:34* – 26:53* शुभ
चर 26:53* – 28:12* शुभ
रोग 28:12* – 29:31* अशुभ
होरा, दिन
शुक्र 05:31 – 06:39
बुध 06:39 – 07:46
चन्द्र 07:46 – 08:53
शनि 08:53 – 10:01
बृहस्पति 10:01 – 11:08
मंगल 11:08 – 12:16
सूर्य 12:16 – 13:23
शुक्र 13:23 – 14:31
बुध 14:31 – 15:38
चन्द्र 15:38 – 16:45
शनि 16:45 – 17:53
बृहस्पति 17:53 – 19:00
होरा, रात
मंगल 19:00 – 19:53
सूर्य 19:53 – 20:45
शुक्र 20:45 – 21:38
बुध 21:38 – 22:30
चन्द्र 22:30 – 23:23
शनि 23:23 – 24:15*
बृहस्पति 24:15* – 25:08
मंगल 25:08* – 26:01
सूर्य 26:01* – 26:53
शुक्र 26:53* – 27:46
बुध 27:46* – 28:38
चन्द्र 28:38* – 29:31
*उदयलग्न प्रवेशकाल  * 
       
वृषभ   > 05:38 से  07:06    तक
मिथुन  > 07:06  से 09:46     तक
कर्क    > 09:46  से 12:00     तक
सिंह    > 12:00  से  14:16    तक
कन्या  > 14:16  से   16:32   तक
तुला   >  16:32  से  18:44    तक
वृश्चिक > 18:44 से  21:12    तक
धनु     > 21:12  से  23:20    तक
मकर   > 23:20 से  00:58     तक
कुम्भ   > 00:58  से  02:18    तक
मीन    > 02:18  से  03:40     तक
मेष     > 03:48  से  05:44     तक
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*विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा   +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*  अग्नि वास ज्ञान  -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
 15 + 4 + 6 +  1 = 26  ÷ 4 = 2 शेष
 आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
* ग्रह मुख आहुति ज्ञान *
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति
*    शिव वास एवं फल -:*
 19 + 19 + 5 = 43 ÷ 7 =  1 शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
*भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।* 
*    विशेष जानकारी   *
 *चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय रात्रि 22:37
*अंगारक चतुर्थी 
*   शुभ विचार   *
प्रारर्द्यूतप्रसंगेन मध्यान्हे स्त्रीप्रसंगतः ।
रात्रौ चौरप्रसंगेन कालो गच्छति धीमताम् ।।
।। चा o नी o।।
  सुबह उठकर दिन भर जो दाव आप लगाने वाले है उसके बारे में सोचे. दोपहर को अपनी माँ को याद करे. रात को चोरो को ना भूले.
  सुभाषितानि  
गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18
निश्चयं श्रृणु में तत्र त्यागे भरतसत्तम ।,
त्यागो हि पुरुषव्याघ्र त्रिविधः सम्प्रकीर्तितः ॥,
हे पुरुषश्रेष्ठ अर्जुन ! संन्यास और त्याग, इन दोनों में से पहले त्याग के विषय में तू मेरा निश्चय सुन।, क्योंकि त्याग सात्विक, राजस और तामस भेद से तीन प्रकार का कहा गया है॥,4॥,

आचार्य पं. अशोक मिश्रा मुंबई

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