🐏मेष
चिंता तथा तनाव रहेंगे। फालतू खर्च होगा। कुसंगति से बचें। चोट व रोग से बचें। विवाद न करें। आवश्यकताएं बढ़ेंगी। आर्थिक तंगी हो सकती है। कर्ज से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। शत्रु परेशान करेंगे। हानि नहीं पहुंचा पाएंगे।
🐂वृष
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। बकाया वसूली होगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। विवाद न करें। नेत्र पीड़ा की संभावना। कुछ लाभ। यात्रा के योग टलेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे। ज्ञानीजनों से मुलाकात होगी। शांति बनाना आवश्यक है। अकारण भय व्याप्त होगा।
👫मिथुन
कार्यप्रणाली में सुधार होगा। योजना फलीभूत होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। यात्रा के योग बनेंगे। लाभ होगा। राज्य से परेशानी हो सकती है। स्त्री को कष्ट। जायदाद वृद्धि के योग बनेंगे। विरोधी सक्रिय होंगे।
🦀कर्क
राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बढ़ेगी। हानि-लाभ का वातावरण बनेगा। पराक्रम बढ़ेगा। विजय मिलेगी, गर्व न करें। ईमानदारी से कार्य करते रहें। समय पक्ष का है। स्त्री सुख, यात्रा में हानि, दुख। विरोधी कष्ट देंगे।
🐅सिंह
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। व्यवसाय ठीक चलेगा। जल्दबाजी न करें। कष्ट होंगे। खर्च बढ़ेंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। धनागम के अवसर बनेंगे। ‘आ बैल मुझे मार’ की स्थिति निर्मित न होने दें। अकारण भय बना रहेगा। व्यापारी सोच-समझकर निर्णय लें।
🙍♀️कन्या
कोर्ट व कचहरी के कार्य बनेंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। हानि, भय, कष्ट का वातावरण बनेगा। कुछ लाभ के आसार दिखेंगे। दुखद समाचार मिलने की संभावना है। अस्वस्थता होगी। कुसंग से हानि, कुछ लाभ के आसार दिखेंगे।
⚖️तुला
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। थकान महसूस होगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। कष्टों में वृद्धि के योग हैं। कुछ नए कार्य की संभावना सिद्ध होगी। कष्टों में निवृत्ति नहीं होगी। कलह से बचना होगा। अधिकार के लिए प्रयत्न करना होगा।
🦂वृश्चिक
रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। व्यवसाय मनोनुकूल लाभ होगा। रोग घेरेंगे। चिंताएं बढ़ेंगी। शत्रु शांत होंगे। अपमान, कष्ट, कलह से बचना होगा। राज्य से लाभ के अवसर बढ़ेंगे। लाभ होगा। शत्रु परेशान करेंगे। कुछ नुकसान होगा।
🏹धनु
दौड़-धूप अधिक होगी। बुरी सूचना मिल सकती है। विवाद न करें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। धनलाभ के अवसर प्राप्त होंगे। अकारण भय व्याप्त होगा। शत्रु शांत होंगे। वाहन देखकर चलाएं। परिस्थितियां अनुकूल होंगी। कुछ विरोध होगा। विरोधी अपमान करेंगे। शांति होगी।
🐊मकर
मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि होगी। प्रसन्नता रहेगी। घर-बाहर पूछ-परख बनी रहेगी। मातृपक्ष से परेशानी होगी। दुर्घटना की संभावना। धन मिलने की परिस्थिति निर्मित होगी। अंतरप्रेरणा से कार्य करें। धनागम के अवसर बढ़ेंगे। प्रमाद का त्याग करना होगा।
🍯कुंभ
भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत होंगे। कष्ट-भय की संभावना, अस्वस्थता, आलस्य का अनुभव करेंगे। धनागम होगा। शरीर शिथिल होगा। शत्रु शांत रहेंगे। लाभ-हानि बराबर रहेंगे। प्रमाद बढ़ेगा।
🐟मीन
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। अप्रत्याशित लाभ होगा। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। शुभ समाचार की आशा बंधेगी। शत्रु षड्यंत्र रचेंगे। सावधान रहने की आवश्यकता है। पराक्रम दिखलाने का अवसर है। लाभ होगा। रिश्वत न लें। नम्रता बनाए रखें।
🌺 *श्री राम जानकी पंचांगम्* 🌺
*दिनांक:- 15/05/2025, गुरुवार*
तृतीया, कृष्ण पक्ष,
ज्येष्ठ
“””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि———– तृतीया 28:02:13 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र———- ज्येष्ठा 14:06:32
योग————- शिव 07:00:47
करण———– वणिज 15:18:02
करण——- विष्टि भद्र 28:02:13
वार———————– गुरूवार
माह———————— ज्येष्ठ
चन्द्र राशि—- वृश्चिक14:06:32
चन्द्र राशि—————– —-धनु
सूर्य राशि—————– वृषभ
रितु———————— ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————– विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर) —————सिद्धार्थी
विक्रम संवत————— 2082
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत—————— 1947
कलि संवत—————– 5126
वृन्दावन
सूर्योदय————– 05:31:39
सूर्यास्त————– 18:59:47
दिन काल———— 13:28:07
रात्री काल————- 10:31:19
चंद्रास्त————– 06:59:36
चंद्रोदय—————- 21:41:48
लग्न—- वृषभ 0°13′ , 30°13′
सूर्य नक्षत्र————— कृत्तिका
चन्द्र नक्षत्र—————— ज्येष्ठा
नक्षत्र पाया——————- ताम्र
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
यी—- ज्येष्ठा 07:33:11
यू—- ज्येष्ठा 14:06:32
ये—- मूल 20:38:36
यो—- मूल 27:09:20
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
============================
सूर्य= वृषभ 00°40, कृतिका 2 ई
चन्द्र= वृश्चिक 25°30 , ज्येष्ठा 3 यी
बुध =मेष 13°52 ‘ भरणी 1 ली
शु क्र= मीन 15°05, उ o फाo’ 4 ञ
मंगल=कर्क 18°30 ‘ आश्लेषा’ 1 डी
गुरु=मिथुन 00°30 मृगशिरा, 3 का
शनि=मीन 05°88 ‘ उ o भा o , 1 दू
राहू=(व) मीन 00°15 पू o भा o, 4 दी
केतु= (व)कन्या 00°15 उ oफा o 2 टो
============================
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*
राहू काल 13:57 – 15:38 अशुभ
यम घंटा 05:32 – 07:13 अशुभ
गुली काल 08:54 – 10: 35अशुभ
अभिजित 11:49 – 12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 10:01 – 10:55 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:24 – 16:18 अशुभ
प्रदोष 18:59 – 21:07 शुभ
🚩 मूल अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
शुभ 05:32 – 07:13 शुभ
रोग 07:13 – 08:54 अशुभ
उद्वेग 08:54 – 10:35 अशुभ
चर 10:35 – 12:16 शुभ
लाभ 12:16 – 13:57 शुभ
अमृत 13:57 – 15:38 शुभ
काल 15:38 – 17:19 अशुभ
शुभ 17:19 – 18:59 शुभ
🚩चोघडिया, रात
अमृत 18:59 – 20:19 शुभ
चर 20:19 – 21:38 शुभ
रोग 21:38 – 22:57 अशुभ
काल 22:57 – 24:15* अशुभ
लाभ 24:15* – 25:34* शुभ
उद्वेग 25:34* – 26:53* अशुभ
शुभ 26:53* – 28:12* शुभ
अमृत 28:12* – 29:31* शुभ
💮होरा, दिन
बृहस्पति 05:32 – 06:39
मंगल 06:39 – 07:46
सूर्य 07:46 – 08:54
शुक्र 08:54 – 10:01
बुध 10:01 – 11:08
चन्द्र 11:08 – 12:16
शनि 12:16 – 13:23
बृहस्पति 13:23 – 14:30
मंगल 14:30 – 15:38
सूर्य 15:38 – 16:45
शुक्र 16:45 – 17:52
बुध 17:52 – 18:59
🚩होरा, रात
चन्द्र 18:59 – 19:52
शनि 19:52 – 20:45
बृहस्पति 20:45 – 21:38
मंगल 21:38 – 22:30
सूर्य 22:30 – 23:23
शुक्र 23:23 – 24:15
बुध 24:15* – 25:08
चन्द्र 25:08* – 26:01
शनि 26:01* – 26:53
बृहस्पति 26:53* – 27:46
मंगल 27:46* – 28:39
सूर्य 28:39* – 29:31
*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मेष > 03:52 से 05:24 तक
वृषभ > 05:24 से 07:10 तक
मिथुन > 07:10 से 09:50 तक
कर्क > 09:50 से 12:04 तक
सिंह > 12:04 से 14:20 तक
कन्या > 14:20 से 16:36 तक
तुला > 16:36 से 18:48 तक
वृश्चिक > 18:48 से 21:16 तक
धनु > 21:16 से 23:24 तक
मकर > 23:24 से 01:02 तक
कुम्भ > 01:02 से 02:22 तक
मीन > 02:22 से 03:44 तक
=======================
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 3 + 5 + 1 = 24 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
मंगल ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
18 + 18 + 5 = 41 ÷ 7 = 6 शेष
क्रीड़ायां = शोक , दुःख कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
15:15 से रात्रि 28;02 तक
पाताल लोक = धनलाभ कारक
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*विश्व परिवार दिवस
*गुरु आनंदमयी माता जयंती
*गुरु मिथुन में प्रवेश
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
निविषेणापि सर्पेण कर्तव्या महती फणा ।
विषमस्तु न चाप्यस्तु घटाटोप भयंकरः ।।
।। चा o नी o।।
यदि नाग अपना फना खड़ा करे तो भले ही वह जहरीला ना हो तो भी उसका यह करना सामने वाले के मन में डर पैदा करने को पर्याप्त है. यहाँ यह बात कोई माइना नहीं रखती की वह जहरीला है की नहीं.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18
त्याज्यं दोषवदित्येके कर्म प्राहुर्मनीषिणः ।,
यज्ञदानतपःकर्म न त्याज्यमिति चापरे ॥,
कई एक विद्वान ऐसा कहते हैं कि कर्ममात्र दोषयुक्त हैं, इसलिए त्यागने के योग्य हैं और दूसरे विद्वान यह कहते हैं कि यज्ञ, दान और तपरूप कर्म त्यागने योग्य नहीं हैं॥,3॥,
💮🚩 ।।