|| शास्त्र की सीख ||

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                                                                                                आज का भगवद चिंतन 
  सत्यं माता पिता ज्ञानं धर्मो भ्राता दया सखा।
 शांति:पत्नी क्षमा पुत्र: षडेते मम् बान्धवा:॥
  यदि जीवन में सत्य होगा तो माता के समान वात्सल्य और रक्षक हमें सर्वत्र प्राप्त करा देगा। यदि जीवन में ज्ञान होगा तो वो हमें पिता के समान आत्मबल और यथोचित सलाह देकर बड़ी से बड़ी चुनौती से लड़ने की सामर्थ्य प्रदान करा देगा। यदि जीवन में धर्म होगा तो वो एक भाई के समान हर संकट में खड़ा रहेगा और जीवन में दया होगी तो वो सच्चे मित्र के समान हर जगह हमारा सहायक होगा।
   यदि शांति हमारे स्वभाव में होगी तो एक पत्नी के समान सेवा करने वाले और हमारी प्रत्येक बात का सम्मान करने वाले हमें सर्वत्र मिल जायेंगे और यदि क्षमा जीवन में होगी तो पुत्रवत् आज्ञाकारी लोग भी हमें सर्वत्र मिल ही जायेंगे। सत्य ही हमारी माता, ज्ञान ही हमारे पिता, धर्म ही हमारा भाई, दया ही हमारा मित्र, शांति ही हमारी पत्नी और क्षमा ही हमारा पुत्र है।
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