सीमा पर जासूसी की साजिश! पाकिस्तान बढ़ा रहा मोबाइल टावरों की रेंज, जैसलमेर-श्रीगंगानगर में पाक सिम पर बैन

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,14 मई ।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक नई और खतरनाक साजिश का खुलासा हुआ है। पाकिस्तान अब अपने मोबाइल टावरों की रेंज बढ़ाकर भारत के सीमावर्ती इलाकों तक सिग्नल पहुंचा रहा है, जिससे जासूसी और साइबर अटैक का गंभीर खतरा पैदा हो गया है। इसके जवाब में भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए जैसलमेर और श्रीगंगानगर जिलों में पाकिस्तानी सिम कार्ड्स के उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।

सीमा सुरक्षा एजेंसियों और इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से जैमर-प्रूफ मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं, जिनकी ताकत इतनी है कि उनके सिग्नल राजस्थान के कई किलोमीटर भीतर तक पहुंच रहे हैं। इससे सीमावर्ती गांवों के मोबाइल यूज़र्स गलती से पाकिस्तानी नेटवर्क पर स्विच हो जाते हैं, जिससे कॉल और डेटा की निगरानी संभव हो जाती है।

एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के अनुसार –

“यह कोई आम तकनीकी घटना नहीं, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति है। पाकिस्तान भारतीय नागरिकों के डेटा, कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन ट्रैकिंग के जरिए जासूसी करना चाहता है।”

जैसलमेर और श्रीगंगानगर में हाल के महीनों में कई लोगों के पास से पाकिस्तानी सिम कार्ड बरामद हुए हैं, जिन्हें सीमा पार से तस्करी के जरिए भेजा गया था। कई मामलों में ग्रामीणों को लालच देकर इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल करवाया गया – WhatsApp, Telegram और Signal जैसे ऐप्स पर संदिग्ध गतिविधियों के जरिए पाक खुफिया एजेंसी ISI से संपर्क बनाए गए।

राजस्थान पुलिस और बीएसएफ ने इन इलाकों में सघन छापेमारी के बाद पाक सिम कार्ड रखने वालों के खिलाफ NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है।

साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह पाकिस्तान की ओर से ‘साइबर जिहाद’ का नया और खतरनाक चेहरा है। पहले जहां सीमापार से ड्रोन के जरिए हथियार भेजे जाते थे, अब डिजिटल माध्यम से डेटा चुराकर भारत की सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।

दिल्ली के साइबर मामलों के विशेषज्ञ आलोक त्रिपाठी कहते हैं –

“पाकिस्तान अब गोली नहीं, मोबाइल नेटवर्क के जरिए हमला कर रहा है। यह डिजिटल जंग है, और हमें इसे गंभीरता से लेना होगा।”

टेलीकॉम डिपार्टमेंट, गृहमंत्रालय और सैन्य खुफिया एजेंसियां मिलकर अब ऐसे हाई पावर टावरों को काउंटर करने के लिए विशेष एंटी-सिग्नल और इंटरसेप्शन टेक्नोलॉजी तैनात कर रही हैं। साथ ही सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल यूज़र्स को सावधान रहने और केवल भारतीय नेटवर्क पर रहने की सख्त हिदायत दी जा रही है।

पाकिस्तान की यह डिजिटल चाल अब भारत की सतर्क निगाहों से बच नहीं पाएगी। जैसलमेर से लेकर श्रीगंगानगर तक अब हर सिग्नल पर निगरानी है। पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए कि अब मोबाइल नेटवर्क से भी जंग जीती नहीं जा सकती – भारत अब डिजिटल मोर्चे पर भी चट्टान की तरह अडिग है।

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