जय हिंद: आतंक के खिलाफ भारत का ऐतिहासिक प्रहार — ऑपरेशन सिंदूर से बदली दुनिया की सोच

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प्रोफेसर जसीम मोहम्मद “जिन आतंकवादियों ने हमारी बहनों की मांग का सिंदूर मिटाने की हिमाकत की, भारत ने उनके अड्डे ही मिटा दिए!”
यह सिर्फ एक वाक्य नहीं था, यह था एक नए भारत की गर्जना — निडर, निर्णायक और न्यायप्रिय भारत की।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का यह ऐतिहासिक संबोधन न केवल भारतवासियों के दिलों में जोश भर गया, बल्कि पूरी दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दे गया कि अब भारत चुप नहीं बैठेगा, बल्कि आतंकी जड़ों पर सीधा वार करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर — यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह एक विचार था, एक प्रतिज्ञा थी कि अब हमारी बेटियों की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा। जब पाकिस्तान LOC पर उकसावे की तैयारी कर रहा था, भारत ने उसे उसकी ही धरती पर जवाब दिया। यह वही क्षण था जब दुनिया ने महसूस किया कि यह नया भारत है — जो चेतावनी नहीं, कार्रवाई में विश्वास करता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा:

“यह युद्ध का युग नहीं है, लेकिन यह भी आतंकवाद सहने का समय नहीं है।”

भारत की यह नई नीति — ‘जीरो टॉलरेंस टू टेररिज़्म’ — अब वैश्विक मानक बननी चाहिए। जब मासूम बच्चों और महिलाओं को निशाना बनाया जाता है, तो चुप्पी भी पाप होती है। भारत ने यह पाप नहीं किया। उसने न्याय का रास्ता चुना, और अपनी संप्रभुता पर आंच आने से पहले ही दुश्मन के मंसूबे ध्वस्त कर दिए।

सेंटर फॉर नरेंद्र मोदी स्टडीज़ (CNMS) प्रधानमंत्री की इस निर्णायक नीति का पूरा समर्थन करता है। हमें गर्व है कि भारत ने आज आतंक के खिलाफ एक ऐसा मानक तय किया है, जो आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय रणनीतियों को प्रभावित करेगा।

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया — पाकिस्तान से अब बात सिर्फ दो मुद्दों पर होगी — आतंकवाद का अंत और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की वापसी। अब ‘संवाद’ नहीं, अब ‘निर्णय’ का समय है।

जय हिंद अब सिर्फ एक नारा नहीं रहा,
यह भारत के आत्मसम्मान, बहादुरी और न्याय की हुंकार बन चुका है।

भारत ने दिखा दिया है कि जब बात अपने नागरिकों की सुरक्षा, महिलाओं की गरिमा और राष्ट्र की अखंडता की हो, तो हम वार नहीं करते — प्रहार करते हैं।

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