समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12 मई :भारतीय वायुसेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कराची स्थित मालिर कैंट और लाहौर के रडार ठिकानों पर किए गए हमलों ने क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। इन हमलों का उद्देश्य पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना और आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना था।
कराची के मालिर कैंट पर हमला
मालिर कैंट, कराची से लगभग 35 किमी दूर स्थित एक प्रमुख सैन्य अड्डा है। भारतीय वायुसेना ने यहां स्थित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली को निशाना बनाया। यह हमला पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को कमजोर करने के लिए किया गया था, जिससे भारतीय वायुसेना को भविष्य में संचालन में सुविधा हो।
लाहौर और गुंजरावाला के रडार ठिकानों पर हमले
लाहौर में स्थित चीनी निर्मित HQ-9 रडार प्रणाली को इजरायली HARPY ड्रोन द्वारा निशाना बनाया गया। इसके अलावा, गुंजरावाला के पास स्थित एक अन्य रडार ठिकाने पर भी हमला किया गया। इन हमलों का उद्देश्य पाकिस्तान की निगरानी क्षमताओं को बाधित करना था, जिससे भारतीय वायुसेना को संचालन में बढ़त मिल सके।
नौसेना की भूमिका
भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह के बाहर एक निवारक मुद्रा अपनाई, जिससे पाकिस्तानी नौसेना को अपने जहाजों को बंदरगाह के भीतर ही रखना पड़ा। यह रणनीति पाकिस्तान की समुद्री क्षमताओं को सीमित करने के लिए अपनाई गई थी।
रणनीतिक महत्व
इन हमलों ने पाकिस्तान की वायु और समुद्री रक्षा क्षमताओं को कमजोर किया है। इसके अलावा, आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमलों ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति को दर्शाया है। यह ऑपरेशन पाकिस्तान को यह संदेश देने में सफल रहा कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने इन हमलों के जवाब में ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिनमें भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। हालांकि, भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकांश हमलों को विफल कर दिया। इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारतीय विमानों को मार गिराने का दावा किया, जिसे भारत ने खारिज कर दिया।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य क्षमताओं और आतंकवाद के खिलाफ उसकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। यह ऑपरेशन न केवल पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश देने में सफल रहा, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य में भी भारत की स्थिति को मजबूत किया है।