ऑपरेशन सिंदूर: भारत की मिसाइल स्ट्राइक ने दहशतगर्दों के ठिकानों को किया नेस्तनाबूद, मसूद अज़हर के 10 परिजन ढेर

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 मई । एक बड़े और साहसिक जवाबी कार्रवाई में भारत ने मंगलवार देर रात “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद कई आतंकवादी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, इस सैन्य कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें कुल 9 आतंकी कैंप ध्वस्त हुए।

सबसे बड़ा झटका जैश के सरगना मसूद अज़हर को लगा है। इस हमले में उसके 10 परिजन मारे गए हैं, जिनमें उसके दो भाई, तीन भतीजे और कुछ करीबी रिश्तेदार शामिल हैं। इसके अलावा मसूद अज़हर के चार करीबी सहयोगी भी मारे गए हैं। बताया जा रहा है कि मिसाइल हमलों में बहावलपुर स्थित अज़हर का निवास भी निशाना बना, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।

पाकिस्तानी मीडिया के शुरुआती रिपोर्टों में अज़हर के परिसर में मरने वालों की संख्या 14 बताई गई है। हालांकि, इस्लामाबाद की ओर से अभी तक कोई ठोस आधिकारिक बयान नहीं आया है। बहावलपुर में अज़हर के परिजनों के अंतिम संस्कार की तैयारियों के बीच पाकिस्तानी सरकार ने इलाके में मीडियाकर्मियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है और आम जनता को भी वहां से दूर रहने का निर्देश दिया गया है।

हमले के कुछ घंटों बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक चौंकाने वाला बयान देते हुए भारत से तनाव कम करने की अपील की। ब्लूमबर्ग टीवी से बातचीत में उन्होंने कहा,

“अगर भारत नरम रुख अपनाता है तो हम भी तनाव खत्म करने को तैयार हैं। हमने पहले ही कह दिया है कि हम हमला नहीं करेंगे, लेकिन जवाब जरूर देंगे।”

विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान पाकिस्तान की बेचैनी को दर्शाता है, क्योंकि भारत की सख्त सैन्य नीति ने वहां की हुकूमत को असहज कर दिया है।

भारतीय सेना ने इस कार्रवाई को ‘सर्जिकल स्ट्राइक प्लस’ करार दिया है। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद एक सटीक और आक्रामक प्रतिक्रिया के रूप में अंजाम दिया गया। खुफिया जानकारी के अनुसार, इस हमले की योजना पाकिस्तान के आतंकी कैंपों में बनाई गई थी, जिस पर भारत ने निर्णायक वार किया।

हालांकि भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह हमला पूरी तरह से “आवश्यक और उचित” प्रतिक्रिया थी, जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देता है। अब कूटनीतिक हलकों की निगाहें इस बात पर हैं कि पाकिस्तान का नरम रुख वाकई तनाव कम करने की पहल है या यह सिर्फ अगली कार्रवाई से पहले की रणनीतिक चुप्पी।

 ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ आतंकी ढांचों को हिला कर रख दिया है, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश भी है — भारत अब चुप नहीं बैठेगा। आतंकी गतिविधियों की कीमत चुकानी ही पड़ेगी, चाहे वह बहावलपुर हो या पीओके। अब देखना यह है कि यह कार्रवाई दक्षिण एशिया में स्थायी शांति की दिशा में कोई नई राह खोलती है या फिर टकराव का एक और अध्याय शुरू होता है।

 

 

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