जीएसटी कलेक्शन ने अप्रैल 2025 में बनाया नया रिकॉर्ड, 12.6% की बढ़ोतरी के साथ पहुंचा 2.37 लाख करोड़ रुपये

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नई दिल्ली 1 मई 2025 : भारत सरकार के लिए अप्रैल 2025 ऐतिहासिक हो गया है क्योंकि इस महीने में जीएसटी कलेक्शन ने सारे पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में कुल जीएसटी कलेक्शन 2.37 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.6% अधिक है। इससे पहले अप्रैल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये का संग्रह हुआ था, जो उस समय का ऑल टाइम हाई था।

जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) देश भर में 1 जुलाई 2017 से शुरू था और उनसे ही समयबद्ध आधार पर इसका दायरा और संग्रह दोनों ही बढ़ते जा रहे हैं। इस बार सरकार ने मात्र टैक्स संग्रह नहीं बढ़ाया, बल्कि रिफंड के लिए भी कीर्तिमान बनाया है। अप्रैल 2025 में कुल 27,341 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया, जिसमें 48.3% की सालाना वृद्धि दर्ज हुई।

अगर स्रोतों पर बात करते हैं, तो घरेलू लेनदेन के रूप में जीएसटी रेवेन्यू 10.7% बढ़कर करीब 1.9 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचую। आयातित वस्तुओं से राजस्व 20.8% की शानदार छलांग लगाकर ₹46,913 करोड़ हो गया है।

यह रिकॉर्ड ब्रेकिंग प्रदर्शन ऐसे समय आया है जब भारतीय अर्थव्यवस्था में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) की भूमिका पर गंभीर चर्चाएं चल रही हैं। एमएसएमई को भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, लेकिन बीमा कवरेज और वित्तीय सुरक्षा की कमी उनके लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। सरकार के लिए यह समय न केवल राजस्व संग्रह की उपलब्धियों का जश्न मनाने का है, बल्कि छोटे कारोबारों के लिए संरचनात्मक सुधारों की योजना बनाने का भी है।

गौर फिर से पिछले रिकॉर्ड पर कीजिए, तो दिसंबर 2024 में जीएसटी कलेक्शन 1.77 लाख करोड़ रुपये रहा था, जो साल-दर-साल 7.3% की वृद्धि को दर्शाता था। लेकिन अप्रैल 2025 का आंकड़ा यह स्पष्ट करता है कि अर्थव्यवस्था में मांग, खपत और कर अनुपालन में जबरदस्त बेहतरी हुई है।

ई-इनवॉयसिंग, ई-वे बिल और पारदर्शी निगरानी ने जीएसटी संग्रह में मोटा अंकतांत्रिक इजाफा किया है। इसके साथ ही, सरकार के द्वारा निरंतर टैक्स बेस बढ़ाने की और चोरी पर रोक की कोशिशों का भी प्रभाव स्पष्ट दिख रहा है।

यह उपलब्धि योजनाओं के लिए एक सुदृढ़ आधार प्रदान करती है जो अगले वित्तीय वर्ष के लिए। यदि यह रफ्तार जारी रहती है, तो सरकार को स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा कैसे जैसे क्षेत्रों में निवेश करने के लिए और ज्यादा संसाधन हो सकते हैं।

कुल मिलाकर, अप्रैल 2025 का जीएसटी कलेक्शन न केवल एक आंकड़ा है, बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती, उपभोक्ता विश्वास और बेहतर प्रशासनिक क्षमताओं का प्रतीक बनकर उभरा है।

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