शरबत जिहाद’ टिप्पणी के बाद बाबा रामदेव को अदालत की फटकार, अवमानना नोटिस पर विचार”

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नई दिल्ली, 1 मई 2025- योग गुरु बाबा रामदेव एक बार फिर कानूनी विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करने पर विचार किया है, क्योंकि उन्होंने ‘शरबत जिहाद’ वाली टिप्पणी के बाद एक नया वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने पुनः हमदर्द कंपनी और उसके उत्पादों को निशाना बनाया। यह मामला न केवल व्यापारिक प्रतिस्पर्धा का है, बल्कि इसमें सांप्रदायिक संकेत भी शामिल हैं, जिसने न्यायालय की चिंता बढ़ा दी है।
यह मामला पहली बार नहीं है। इससे महज 10 दिन पहले, 22 अप्रैल को, अदालत ने बाबा रामदेव को निर्देश दिया था कि वे अपने उन वीडियो को सभी मंचों से हटाएं, जिनमें उन्होंने हमदर्द के उत्पाद ‘रूह अफज़ा’ को ‘शरबत जिहाद’ कहा था। साथ ही उन्हें शपथपत्र दाखिल करने को कहा गया था कि वे भविष्य में इस प्रकार के कोई बयान, विज्ञापन या सोशल मीडिया पोस्ट नहीं करेंगे।
इसके बावजूद बाबा रामदेव ने एक नया वीडियो जारी किया, जिसकी तीन घंटे की लंबाई में उन्होंने फिर से हमदर्द का जिक्र किया। इस पर न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कड़ा रुख अपनाया और कहा, “यदि यही स्थिति रही, तो हम अवमानना नोटिस जारी करेंगे।”
हमदर्द की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने कहा कि नए वीडियो की भाषा, स्वर और मंशा पुराने वीडियो से मेल खाती है। उन्होंने यह भी कहा, “यह केवल एक व्यापारिक विवाद नहीं है, बल्कि यह एक समुदाय विशेष को निशाना बनाकर सांप्रदायिक भावना को भड़काने का प्रयास है।”
बाबा रामदेव के वकील राजीव नायर और जयंत मेहता ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने अपने मुवक्किल से निर्देश लेकर यह तय किया है कि वीडियो से हमदर्द से संबंधित हिस्से को 24 घंटे के भीतर सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और मीडिया चैनलों से हटा दिया जाएगा। इसके साथ ही एक अनुपालन हलफनामा भी न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
हमदर्द ने अदालत से यह भी मांग की है कि वह पंतजलि पर स्थायी निषेधाज्ञा लगाए, जिससे वह भविष्य में हमदर्द के ब्रांड का नाम या छवि खराब न कर सकें। साथ ही उन्होंने ₹2 करोड़ की क्षतिपूर्ति, माफीनामा और विवादित सामग्री को हटाने के लिए सरकार को निर्देश देने की भी मांग की है।
न्यायालय अब शुक्रवार को हमदर्द द्वारा दायर उस याचिका पर विचार करेगा जिसमें बाबा रामदेव पर पूर्व आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने का आरोप लगाया गया है।

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