भारत वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में बनाएगा और मज़बूत पकड़: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव मनसेर में VVDN की अत्याधुनिक SMT लाइन और मैकेनिकल इनोवेशन पार्क का उद्घाटन, नई इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट निर्माण योजना की घोषणा

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19 अप्रैल।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे और सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को हरियाणा के मनसेर स्थित VVDN टेक्नोलॉजीज के इनोवेशन पार्क में देश की अब तक की सबसे बड़ी SMT लाइन और मैकेनिकल इनोवेशन पार्क का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने नई इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट निर्माण योजना (New Electronics Component Manufacturing Scheme) की भी जानकारी दी, जिसे हाल ही में कैबिनेट से मंज़ूरी मिली है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण पांच गुना बढ़कर ₹11 लाख करोड़ तक पहुंच गया है, जबकि निर्यात छह गुना बढ़कर ₹3.25 लाख करोड़ के पार चला गया है। उन्होंने इसे ‘मेक इन इंडिया’ पहल की सबसे बड़ी सफलता करार देते हुए कहा कि इस क्षेत्र ने अब तक 25 लाख से अधिक रोजगार सृजित किए हैं।

उद्घाटन के दौरान श्री वैष्णव ने VVDN द्वारा स्थापित अत्याधुनिक SMT लाइन का उल्लेख किया जो प्रति घंटे 2.5 लाख कंपोनेंट जोड़ने की क्षमता रखती है। यह लाइन AI सर्वर, नेटवर्किंग डिवाइसेज़ और मदरबोर्ड जैसे उन्नत उत्पादों के निर्माण में सक्षम है। वहीं, 1.5 लाख वर्ग फुट में फैला मैकेनिकल इनोवेशन पार्क टूल-मेकिंग, CNC, EDM, और इंजेक्शन मोल्डिंग जैसी सुविधाएं प्रदान करेगा, जिससे 3,000 से अधिक कुशल नौकरियों का सृजन होगा।

श्री वैष्णव ने बताया कि भारत अब केवल मैन्युफैक्चरिंग ही नहीं, बल्कि उच्च तकनीकी उत्पादों के डिज़ाइन में भी आत्मनिर्भर हो रहा है। VVDN के मनसेर परिसर में 5,000 से अधिक इंजीनियर्स उन्नत AI-आधारित प्रणालियों पर काम कर रहे हैं। मंत्री ने कहा, “डिज़ाइन क्षमताओं के साथ भारत को अब वैश्विक स्तर पर एक रणनीतिक बढ़त हासिल हो रही है।”

मंत्री ने कहा कि भारत अब अपने डिज़ाइन टूल्स भी देश में ही डिजाइन और निर्माण कर रहा है। VVDN द्वारा तैनात किए गए 6,000 AI सर्वर देश की हार्डवेयर क्षमताओं की मिसाल हैं। उन्होंने तीन-स्तरीय स्किलिंग रणनीति की भी चर्चा की जिसमें मूल प्रशिक्षण, उत्पाद-विशिष्ट ऑन-साइट ट्रेनिंग और इंडस्ट्री-अलाइन यूनिवर्सिटी कोर्स शामिल हैं।

श्री वैष्णव ने बताया कि नई इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट निर्माण योजना के तहत अब पैसिव कंपोनेंट्स को प्रोत्साहन मिलेगा, जबकि एक्टिव कंपोनेंट्स को नेशनल सेमीकंडक्टर मिशन के तहत पहले ही शामिल किया जा चुका है। यह संयुक्त रूप से भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

VVDN के इस कार्यक्रम को सरकार और निजी क्षेत्र के बीच प्रगतिशील नीतियों और नवाचार की साझेदारी का प्रतीक बताया गया। मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा, स्थिर बिजली आपूर्ति और बेहतर ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस का वातावरण निर्मित किया है।

भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण यात्रा अब ग्लोबल वैल्यू चेन में नेतृत्व की ओर अग्रसर है। नई योजनाएं, डिज़ाइन क्षमताएं और कुशल मानव संसाधन इसे और गति देंगे। श्री अश्विनी वैष्णव का यह दौरा देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की बढ़ती ताकत का स्पष्ट संकेत है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.