हनुमान जी के गुणों को आत्मसात कर शक्तिशाली बनेगा भारत का युवा: आलोक कुमार

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सज्जनगढ़ (सातारा), 12 अप्रैल 2025 | हनुमान जयंती के पावन अवसर पर महाराष्ट्र के सातारा जिले में स्थित ऐतिहासिक सज्जनगढ़ किले पर एक भव्य धार्मिक एवं राष्ट्रप्रेरक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह स्थल समर्थ रामदास स्वामी जी की तपोभूमि के रूप में प्रसिद्ध है। इस विशेष कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय आलोक कुमार जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।

अपने प्रेरणादायी संबोधन में आलोक कुमार जी ने कहा कि “भारत का युवा यदि हनुमान जी के समर्पण, निर्भयता, ब्रह्मचर्य, सेवा और पराक्रम जैसे गुणों को आत्मसात कर ले, तो भारत को पुनः परम वैभव प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि आज जब भारत एक वैश्विक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है, तो युवाओं को हनुमान जी जैसे आदर्शों का अनुसरण करना चाहिए।

आलोक कुमार जी ने इस अवसर पर समर्थ रामदास स्वामी जी की राष्ट्रसेवा को भी स्मरण किया। उन्होंने बताया कि स्वामीजी ने पूरे भारत में 1100 हनुमान मंदिरों एवं मठों की स्थापना की थी, जो न केवल धार्मिक केंद्र थे, बल्कि राष्ट्र निर्माण, सैन्य प्रशिक्षण, संत संवाद और सामाजिक संगठन के आधार स्तंभ भी बने।

उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के आगरा से लौटने के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि रामदास जी द्वारा स्थापित ये मंदिर उस समय रणनीतिक संवाद और स्वराज्य की योजना के केंद्र बने। यह परंपरा आज भी प्रासंगिक है, और युवाओं को इसी सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

गौरतलब है कि आलोक कुमार जी की यह यात्रा 9 अप्रैल 2025 से महाराष्ट्र में प्रारंभ हुई थी। इस दौरान उन्होंने विभिन्न संतों एवं मठाधीशों से भेंट कर राष्ट्र निर्माण में संत परंपरा की भूमिका पर चर्चा की।

कार्यक्रम में विहिप के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी एवं स्थानीय धर्माचार्य भी उपस्थित रहे। प्रमुख नामों में शामिल हैं:

  • अतुल शालगर – उपाध्यक्ष, विहिप सातारा

  • दीपक दीक्षित – सहमंत्री, सातारा जिला

  • संजय मुद्राळे – धार्मिक प्रमुख, महाराष्ट्र-गोवा प्रांत

  • नागनाथ बोनगरगे – धर्माचार्य संपर्क सहप्रमुख

  • संजय कुलकर्णी – धर्मप्रसार सहप्रमुख

  • योगेश बुवा रामदासी – सज्जनगढ़

कार्यक्रम का समापन सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ और राष्ट्रहित में प्रार्थना के साथ हुआ। वातावरण भक्तिमय और राष्ट्रप्रेरित भावनाओं से ओत-प्रोत रहा।

इस भव्य आयोजन ने यह स्पष्ट संकेत दिया कि भारत का भविष्य उसके युवाओं के चरित्र, संयम और राष्ट्र समर्पण पर निर्भर है — और उसके आदर्श हनुमान जी जैसे वीर, सेवक और योद्धा हो सकते हैं।

जारीकर्ता:
विनोद बंसल
राष्ट्रीय प्रवक्ता, विश्व हिंदू परिषद

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