समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,12 अप्रैल। असम की राजनीति में इस बार पंचायत चुनावों के समय महिला शक्ति का जबरदस्त इजहार दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री *हिमंत बिस्वा सरमा* ने घोषणा की है कि इस समय राज्य के पंचायत चुनाव में *क़रीब 60% प्रत्याशी महिलाएँ हैं।*
यह चुनाव दिसंबर 2024 से स्थगित किए जा रहे थे, क्योंकि गुवाहाटी हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को अधिसूचना जारी करने से रोक दिया था। लेकिन जनवरी 2025 में कोर्ट की अनुमति के बाद चुनाव प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। लेकिन बोर्ड परीक्षाओं (कक्षा 10वीं और 12वीं) के कारण इन्हें और टालना पड़ा।
मुख्यमंत्री सरमा ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हमारे 59% उम्मीदवार महिलाएं हैं और बड़ी संख्या में उम्मीदवार 40 वर्ष से कम उम्र के हैं। कई सीटों पर तो उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध जीत चुके हैं। NDA प्रचंड जीत की ओर अग्रसर है।”
सरमा ने यह भी सूचित किया कि चुनाव करने से परीक्षा समय पर ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती और गिनती केंद्रों की व्यवस्था में भी रुकावट होती।
एक बार फिर से, इस बार के पंचायत चुनावों में कुछ विशेष रहा है। इस बार युवाओं की भागीदारी बहुत उल्लेखनीय रही है। 40 वर्ष से कम उम्र के उम्मीदवारों की संख्या में बढ़त काफी भारी रही है, जिससे यह स्पष्ट है कि युवा अब स्थानीय शासन में अपनी भूमिका निभाने के लिए उत्सुक हैं।
वहीं जबकि चुनावी प्रक्रिया में होने वाली देरी का मूल कारण था निर्वाचन क्षेत्रों के पुनः निर्धारण की वजह त्रुटियां जिनके ऊपर कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थीं।
असम की पंचायतें ग्रामीण शासन की रीढ़ बनती हैं। चुनाव के प्रभाव सीधे गांवों के विकास, सशक्तिकरण और स्थानीय भागीदारी पर पड़ता है।यह आंकड़ा — 60% महिला उम्मीदवार — न सिर्फ राज्य बल्कि देशभर के लिए एक प्रेरणास्रोत बन सकता है। इससे यह संदेश जाता है कि महिलाएं अब सिर्फ घरेलू सीमाओं में नहीं, बल्कि राजनीति के मैदान में भी अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार हैं।