पंजाब की सियासत में भूचाल, दलबीर गोल्डी की कांग्रेस में धमाकेदार वापसी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,12 अप्रैल।
संगरूर पंजाब की राजनीति में फिर एक बार बहुत बड़ा धमाका हुआ है! पूर्व विधायक और यूथ कांग्रेस के चर्चित नेता दलबीर गोल्डी ने आज कांग्रेस में जोरदार वापसी की। यह कदम सियासी गलियारों में हलचल मचाने वाला साबित हो रहा है, खासकर तब जब वह हाल ही में मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ चुनाव लड़ने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हुए थे।

गोल्डी ने कांग्रेस तब छोड़ी थी जब उन्हें संगरूर लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिला। उन्होंने इसको अपना अपमान माना और आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया। लेकिन वहां भी उन्हें संतोष नहीं मिला। पार्टी के अंदरूनी मतभेदों और महत्वपूर्ण फैसलों में अनदेखी के चलते उन्होंने दूरी बना ली।

कांग्रेस में वापसी की चर्चाएं पिछले कई महीनों से चल रही थीं, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा और प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग के बीच मतभेदों के कारण यह मामला रुका रहा। बाजवा का बयान “मेरे बिना पार्टी में पत्ता नहीं हिलता” लंबे समय तक गोल्डी की वापसी की राह में रोड़ा बना रहा।

हालांकि, हालिया उपचुनाव के दौरान गिदड़बाहा में अमृता वडि़ंग के लिए गोल्डी ने खुलकर प्रचार किया, जिससे संकेत साफ हो गया था कि कुछ बड़ा पक रहा है। पार्टी में अंदरखाने सुलह की कोशिशें रंग लाईं और बाजवा-वडि़ंग की आपसी सहमति के बाद आज वह क्षण आ गया जब दलबीर गोल्डी ने आधिकारिक रूप से कांग्रेस में फिर से प्रवेश कर लिया।

यह वापसी भूपेश बघेल की उपस्थिति में हुई, जो पार्टी के पंजाब मामलों के इनचार्ज हैं। इस अवसर पर बघेल ने कहा, “दलबीर गोल्डी जैसे जुझारू और जमीनी नेता की वापसी से पार्टी को मजबूती मिलेगी। यह केवल एक वापसी नहीं, बल्कि पंजाब कांग्रेस के लिए नई ऊर्जा का संचार है।”

राजनीतिक विश्लेषकों की राय माने तो गोल्डी की वापसी 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के लिए गेमचेंजर बन सकती है। उनका जनाधार संगरूर की राजनीति में मजबूत है और यह AAP के लिए एक बड़ा झटका है।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि गोल्डी की अगली भूमिका क्या होगी? क्या वे फिर से चुनावी मैदान में उतरेंगे? क्या उन्हें पार्टी संगठन में कोई नई जिम्मेदारी दी जाएगी?

पंजाब की सियासत में यह वापसी आने वाले दिनों में कई समीकरण बदल सकती है।कांग्रेस ने यह संकेत साफ कर दिया है कि वह 2027 की तैयारियों में अब किसी तरह की देरी नहीं चाहती।

 

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