समग्र समाचार सेवा
रायपुर,26 मार्च। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तड़के छापेमारी की। ईडी की टीम ने चैतन्य बघेल के भिलाई स्थित घर समेत अन्य कई ठिकानों पर छापे मारे हैं। यह कार्रवाई कथित शराब घोटाले से जुड़ी धन शोधन के मामले में की जा रही है। ईडी के मुताबिक, राज्य में शराब सिंडिकेट ने खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया है, और इससे जुड़े लोगों ने 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि हड़प ली है।
ईडी द्वारा की जा रही इस कार्रवाई पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि यह छापेमारी कोई नई बात नहीं है, क्योंकि भूपेश बघेल के कार्यकाल में कई घोटाले हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ईडी की जांच लंबे समय से चल रही थी और अब इसमें कुछ तथ्यों और संदेह के आधार पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी का नाम इसमें नहीं जुड़ा है, तो उसे डरने की कोई जरूरत नहीं है।
हालांकि, भूपेश बघेल के समर्थक इस छापेमारी को राजनीतिक प्रतिशोध मानते हुए ईडी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। पिछले सप्ताह सीबीआई की विशेष अदालत ने 2017 के सेक्स सीडी मामले में भूपेश बघेल को आरोपों से मुक्त कर दिया था। इसके बाद अब इस छापेमारी को लेकर भी राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई हैं।
ईडी के अनुसार , यहाँ इस केस में जनवरी में कुछ बड़े नामों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें पूर्व मंत्री कवासी लखमा और रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर का नाम शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में 2019-2022 के दौरान हुए शराब घोटाले में अब तक ईडी ने 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है।