केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया भारत के स्वदेशी ब्राउज़र के विजेताओं का ऐलान

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 मार्च।
भारत अब अपने स्वदेशी वेब ब्राउज़र विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा चुका है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को देश के पहले स्वदेशी वेब ब्राउज़र को विकसित करने के लिए आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की। इस पहल का उद्देश्य भारत को एक “प्रोडक्ट नेशन” के रूप में विकसित करना और आईटी सेक्टर को सिर्फ सर्विसेज तक सीमित न रखते हुए सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स में भी मजबूती से आगे बढ़ाना है। 

भारत का आईटी सेक्टर आज 282 बिलियन डॉलर से अधिक के राजस्व के साथ विश्व स्तर पर एक बड़ी ताकत बन चुका है। अब तक इस क्षेत्र में अधिकतर ध्यान आईटी सेवाओं (IT Services) पर केंद्रित रहा है, लेकिन अब भारत सरकार सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स पर भी जोर दे रही है। इसके तहत स्टार्टअप्स, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और छात्रों को आगे बढ़ाने के लिए नई नीतियों को अपनाया जा रहा है।

सरकार ने भारत में ही निर्मित वेब ब्राउज़र विकसित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन किया था, जिसमें कुल 58 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत मूल्यांकन के बाद तीन विजेताओं का चयन किया गया।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज इस वेब ब्राउज़र चैलेंज के विजेताओं के नाम घोषित किए:

  • पहला स्थान: टीम ज़ोहो₹1 करोड़
  • दूसरा स्थान: टीम पिंग₹75 लाख
  • तीसरा स्थान: टीम अज्ञा₹50 लाख

इस प्रतियोगिता में खास बात यह रही कि इन विजेता टीमों का संबंध देश के टियर-2 और टियर-3 शहरों से है, जो भारत के टेक्नोलॉजी इनोवेशन की बढ़ती पहुंच को दर्शाता है।

ब्राउज़र इंटरनेट का गेटवे है और इसकी सुरक्षा और गोपनीयता बेहद महत्वपूर्ण होती है। भारत के इस स्वदेशी वेब ब्राउज़र के कई फायदे होंगे:

डाटा सुरक्षा – भारतीय नागरिकों का डेटा सुरक्षित रहेगा।
गोपनीयता – यह ब्राउज़र डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के अनुरूप होगा।
भारत में डेटा स्टोरेज – नागरिकों की निजी जानकारी केवल भारत में ही संग्रहीत होगी।
सभी प्रमुख प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्धता – यह ब्राउज़र iOS, Windows और Android पर कार्य करेगा।

ब्राउज़र डेवलपमेंट, “इंडियन टेक स्टैक” की दिशा में पहला ठोस कदम है। सरकार का अगला लक्ष्य पूरा स्वदेशी टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम तैयार करना है, जिससे भारत न केवल आईटी सेवाओं का निर्यातक बने, बल्कि खुद के सॉफ़्टवेयर और प्रोडक्ट्स भी दुनिया को प्रदान कर सके।

भारत का आईटी क्षेत्र अब नई दिशा में आगे बढ़ रहा है, जहां सॉफ्टवेयर उत्पादों का निर्माण और डाटा सुरक्षा प्रमुख प्राथमिकता होगी। सरकार की इस पहल से भारतीय स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं को नए अवसर मिलेंगे, जिससे आने वाले वर्षों में भारत तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में और मजबूत होगा।

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