मोहन कैबिनेट के बड़े फैसले: तुअर दाल के समर्थन मूल्य से लेकर नर्मदा संरक्षण तक कई अहम योजनाओं को मंजूरी

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समग्र समाचार सेवा
भोपाल,19 मार्च।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इनमें तुअर दाल के समर्थन मूल्य निर्धारण, ओंकारेश्वर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को मंजूरी, नर्मदा संरक्षण अभियान, पशुपालन योजना, घुमंतू समुदायों के पंजीकरण और इंदौर-पीथमपुर कॉरिडोर परियोजना जैसे अहम प्रस्ताव शामिल हैं।

कैबिनेट ने तुअर दाल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दे दी है। इस बार सरकार ₹7,650 प्रति क्विंटल की दर से इसकी खरीदी करेगी। सरकार ने 1.27 लाख मीट्रिक टन दाल खरीदने का लक्ष्य रखा है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ओंकारेश्वर वाइल्डलाइफ सेंचुरी को मंजूरी दी गई है। यह निर्णय प्रदेश में वन्यजीव संरक्षण को और मजबूत करेगा।

नर्मदा नदी के संरक्षण और उसके किनारों पर हरियाली बढ़ाने के लिए सरकार ने ₹124 करोड़ के बजट को मंजूरी दी। यह योजना 2024-25 से 2031-32 तक चलेगी, जिसमें नर्मदा नदी के 10 किमी के दायरे में 12 वन मंडलों की 5600 हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण किया जाएगा। वन विभाग को इस योजना का नोडल विभाग बनाया गया है।

राज्य सरकार ने भोपाल की हुजूर विधानसभा के झागरिया क्षेत्र में राष्ट्रीय नियंत्रण एवं डिजास्टर सेंटर (NCDC) बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए केंद्र सरकार को 4 हेक्टेयर भूमि मात्र ₹1 के भू-भाटक पर आवंटित की गई है।

कैबिनेट ने मुख्यमंत्री पशुपालन योजना 2025 को मंजूरी दी, जिसके तहत पशु नस्ल सुधार और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए ₹151 करोड़ खर्च किए जाएंगे। यह योजना पशुपालकों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने में सहायक होगी।

सरकार ने विमुक्त, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू समुदायों के पंजीकरण की योजना को भी स्वीकृति दी है। अब इन समुदायों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए एक पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा।

औद्योगिक विकास को गति देने के लिए इंदौर और पीथमपुर के बीच कॉरिडोर के निर्माण की योजना को मंजूरी दी गई है। इसके तहत 1,290 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें इंदौर के 9 और पीथमपुर के 8 गांवों की भूमि शामिल है। यह 75 फीट चौड़ा कॉरिडोर एयरपोर्ट से भी जोड़ा जाएगा, जिससे उद्योगों को सीधा लाभ मिलेगा।

कैबिनेट के इन फैसलों से कृषि, पर्यावरण, स्वास्थ्य, पशुपालन और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। खासतौर पर नर्मदा संरक्षण योजना, तुअर दाल MSP, इंदौर-पीथमपुर कॉरिडोर और पशुपालन योजना राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं।

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