लंदन में जयशंकर की यात्रा के दौरान खालिस्तानी सुरक्षा उल्लंघन पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 मार्च। 
भारत ने यूनाइटेड किंगडम (UK) में विदेश मंत्री एस. जयशंकर की आधिकारिक यात्रा के दौरान हुए सुरक्षा उल्लंघन की कड़ी निंदा की है। यह घटना उस समय घटी जब जयशंकर चाथम हाउस में आयोजित एक चर्चा सत्र के बाद बाहर निकल रहे थे। इस दौरान, एक खालिस्तानी चरमपंथी ने सुरक्षा बैरिकेड्स तोड़ते हुए भारतीय ध्वज को फाड़ने का प्रयास किया।

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे विभिन्न वर्गों में आक्रोश फैल गया। भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम यूके में विदेश मंत्री की यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन की कड़ी निंदा करते हैं। यह एक अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों द्वारा किया गया उकसाने वाला कृत्य है।” मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस तरह के कार्य लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं के दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण हैं और इससे शांतिपूर्ण संवाद की प्रक्रिया बाधित होती है।

यह सुरक्षा उल्लंघन तब हुआ जब एक प्रदर्शनकारी ने पुलिस अधिकारियों की लापरवाही का फायदा उठाते हुए जयशंकर के काफिले के सामने आकर भारतीय ध्वज को फाड़ने का प्रयास किया। उसके समर्थक कुछ दूरी पर खड़े होकर खालिस्तानी नारेबाजी कर रहे थे। हालांकि, पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए प्रदर्शनकारी को वहां से हटा दिया।

भारतीय सरकार इस मामले को यूके प्रशासन के सामने प्रमुखता से उठाने की योजना बना रही है ताकि इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि “मेजबान सरकार को अपने कूटनीतिक दायित्वों का पूरी तरह पालन करना चाहिए और भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।”

यह घटना उन बढ़ती चुनौतियों को उजागर करती है जिनका सामना भारतीय राजनयिकों को विदेशी धरती पर करना पड़ रहा है। खासकर, खालिस्तानी तत्वों द्वारा बार-बार किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन और हिंसक गतिविधियों से सुरक्षा संबंधी चिंताएँ बढ़ गई हैं।

भारत ने हाल के वर्षों में ऐसे चरमपंथी समूहों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी इन मुद्दों को उठाया है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यूके प्रशासन इस घटना को लेकर क्या कदम उठाता है।

यह सुरक्षा उल्लंघन केवल एक व्यक्तिगत घटना नहीं है, बल्कि एक व्यापक मुद्दे की ओर संकेत करता है। भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय गौरव से जुड़े मामलों पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भारत सरकार की ओर से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जयशंकर और अन्य भारतीय अधिकारियों की सुरक्षा प्राथमिकता में रहे और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

 

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