राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 2025

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 मार्च।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा इस वर्ष 21, 22 एवं 23 मार्च 2025 को बेंगलुरु के चन्नेनहल्ली स्थित जनसेवा विद्या केंद्र परिसर में आयोजित होगी। यह सभा संघ के वार्षिक कार्यक्रमों में से एक महत्वपूर्ण आयोजन होता है, जिसमें संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी, प्रांतों के प्रतिनिधि एवं प्रमुख कार्यकर्ता भाग लेते हैं।

सभा का महत्व और उद्देश्य

अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक महत्वपूर्ण निर्णयकारी मंच है, जहाँ संगठन की आगामी योजनाओं, विचारधारा, सामाजिक विषयों और राष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जाती है। इस सभा में संघ के कार्यों की समीक्षा की जाती है और भविष्य की रणनीति तय की जाती है।

संभावित विषय और चर्चा के बिंदु

इस वर्ष की प्रतिनिधि सभा में कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया जा सकता है, जिनमें शामिल हो सकते हैं:

  1. राष्ट्रवादी विचारधारा और सामाजिक समरसता – समाज में समरसता को बढ़ावा देने और राष्ट्रवाद की भावना को मजबूत करने के उपाय।
  2. आगामी लोकसभा चुनाव 2025 की रणनीति – देश में चुनावी परिदृश्य और संघ की भूमिका पर विचार।
  3. शिक्षा और संस्कार – भारतीय संस्कृति पर आधारित शिक्षा नीति को बढ़ावा देने के लिए संघ के प्रयास।
  4. सेवा कार्य और समाज कल्याण – समाज के वंचित वर्गों तक संघ की पहुंच और उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं का मूल्यांकन।
  5. पर्यावरण और स्वदेशी अभियान – पर्यावरण संरक्षण, जैविक कृषि और स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के प्रयास।

संघ के विस्तार और आगामी योजनाएँ

संघ पूरे देश में अपने कार्यों का विस्तार कर रहा है और विभिन्न प्रांतों में नई शाखाओं (शाखाओं) की स्थापना कर रहा है। इस सभा में इस विस्तार की समीक्षा की जाएगी और आगे की योजनाओं पर चर्चा होगी।

निष्कर्ष

बेंगलुरु में आयोजित होने वाली यह अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा संगठन की विचारधारा, नीति और कार्ययोजना के निर्धारण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। इसमें लिए गए निर्णय संघ के भविष्य के कार्यों की दिशा तय करेंगे और राष्ट्रीय मुद्दों पर संघ का दृष्टिकोण स्पष्ट करेंगे।

 

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