समग्र समाचार सेवा
सोनीपत,6 मार्च। “ज्ञान संवेदनशीलता की नींव रखता है, जो ‘नीडोनॉमिक्स’ विचारधारा का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है,” यह विचार प्रो. मदन मोहन गोयल ने व्यक्त किए। तीन बार कुलपति रहे और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में सेवाएं दे चुके प्रो. गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और दार्शनिक दृष्टिकोणों को समझने से साझा मूल्य विकसित होते हैं, जो संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं और व्यक्ति को दूसरों के दृष्टिकोण से दुनिया देखने में सक्षम बनाते हैं।