किसान क्रेडिट कार्ड की राशि 10 लाख करोड़ रुपये के पार, 7.72 करोड़ किसानों को मिला लाभ: वित्त मंत्रालय

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,27 फरवरी।
केंद्र सरकार की किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के तहत दिए गए ऋण की कुल राशि 10 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी और बताया कि अब तक 7.72 करोड़ किसानों को इस योजना से लाभ मिला है

KCC योजना का विस्तार और उद्देश्य

किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत 1998 में हुई थी ताकि किसानों को आसान और सस्ते ब्याज दरों पर ऋण मिल सके। केंद्र सरकार इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में व्यापक स्तर पर बढ़ावा दे रही है

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना महामारी के बाद KCC योजना के तहत करोड़ों किसानों को जोड़ने का विशेष अभियान चलाया गया, जिससे इस योजना को और मजबूती मिली।

10 लाख करोड़ का आंकड़ा क्यों महत्वपूर्ण?

  • यह दर्शाता है कि भारतीय कृषि क्षेत्र में वित्तीय सहयोग बढ़ा है
  • किसानों की क्रय शक्ति और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में KCC मददगार साबित हुआ है
  • छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने में इस योजना की महत्वपूर्ण भूमिका रही है

योजना से जुड़े मुख्य आंकड़े

  • कुल किसानों को लाभ – 7.72 करोड़
  • जारी की गई कुल राशि – 10 लाख करोड़ रुपये
  • औसतन प्रति किसान लोन – लगभग 1.3 लाख रुपये
  • लाभान्वित राज्यों में अग्रणी – उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान

सरकार की योजना और भविष्य की रणनीति

वित्त मंत्रालय के अनुसार, सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक किसानों को KCC से जोड़ा जाए ताकि वे कृषि कार्यों के लिए आसानी से सस्ता ऋण प्राप्त कर सकें

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार आने वाले वर्षों में KCC के दायरे को और व्यापक करेगी और प्रक्रिया को और आसान बनाएगी। इसके अलावा, ऋण वितरण प्रणाली को डिजिटल बनाया जा रहा है ताकि किसान बैंकों के चक्कर लगाने की बजाय ऑनलाइन ही आवेदन कर सकें

किसानों के लिए फायदे

  • सस्ते ब्याज पर ऋण – KCC पर 4% से 7% तक की ब्याज दर मिलती है, जो अन्य कृषि ऋणों की तुलना में काफी कम है।
  • बीमा सुरक्षा – प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को भी राहत मिलती है।
  • कार्यशील पूंजी की सुविधा – किसानों को बीज, खाद, उपकरण आदि खरीदने के लिए तुरंत पैसा उपलब्ध होता है।
  • फसल कटाई के बाद भी समय – किसान फसल बेचने के बाद ही ऋण चुकता कर सकते हैं, जिससे उन पर आर्थिक दबाव कम होता है।

किसानों की प्रतिक्रिया

कई किसानों ने KCC को एक वरदान बताया है। मध्य प्रदेश के किसान रामकुमार सिंह का कहना है, “पहले हमें साहूकारों से ऊंची ब्याज दर पर कर्ज लेना पड़ता था, लेकिन अब KCC से हमें सस्ता लोन मिल रहा है, जिससे खेती करना आसान हो गया है।”

निष्कर्ष

किसान क्रेडिट कार्ड योजना का 10 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करना सरकार की कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे किसानों को सस्ती और सरल ऋण सुविधा मिल रही है, जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। सरकार का लक्ष्य इस योजना को और व्यापक बनाकर अधिक किसानों तक पहुंचाना है, जिससे भारतीय कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयां मिल सकें।

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