Forbes की 2025 की सबसे शक्तिशाली देशों की सूची से भारत बाहर: एक चौंकाने वाला निर्णय

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4 फरवरी।
Forbes ने हाल ही में अपनी 2025 की ‘दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों’ की सूची जारी की, जिसमें भारत को शामिल नहीं किया गया है। यह फैसला न केवल चौंकाने वाला है बल्कि अंतरराष्ट्रीय शक्ति संतुलन और वैश्विक प्रभाव में भारत की बढ़ती भूमिका पर सवाल भी खड़े करता है।

भारत की अनुपस्थिति: क्या यह उचित है?

भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश भी बन चुका है। इसके अलावा, भारत अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, रक्षा और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी लगातार आगे बढ़ रहा है। ऐसे में, भारत का इस सूची से बाहर रहना आश्चर्यजनक है।

भारत की वैश्विक स्थिति और शक्ति

  1. आर्थिक शक्ति:
    • भारत की जीडीपी 3.7 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है और यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
    • ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहल वैश्विक उत्पादन केंद्र के रूप में भारत की स्थिति मजबूत कर रही हैं।
  2. सैन्य क्षमता:
    • भारत की थल, जल और वायु सेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं में से एक मानी जाती है।
    • भारत का रक्षा बजट दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है।
  3. कूटनीतिक प्रभाव:
    • भारत G20, BRICS और QUAD जैसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
    • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति ने भारत को एक वैश्विक कूटनीतिक ताकत बना दिया है।
  4. टेक्नोलॉजी और स्पेस:
    • ISRO की हालिया उपलब्धियां, खासतौर पर चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 मिशन, भारत को अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में स्थापित कर रही हैं।
    • भारत दुनिया का सबसे बड़ा IT हब बन चुका है और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

Forbes का निर्णय और संभावित कारण

Forbes की इस सूची में अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और जापान जैसे देशों को शामिल किया गया है, लेकिन भारत की गैरमौजूदगी को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है। संभवतः इस फैसले के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:

  • राजनीतिक पूर्वाग्रह: पश्चिमी मीडिया अकसर भारत की उभरती ताकत को नजरअंदाज करता रहा है।
  • मानदंडों में बदलाव: हो सकता है कि इस साल सूची तैयार करने के लिए कुछ नए मानदंड अपनाए गए हों, जिनमें भारत को कम अंक मिले हों।
  • अंतरराष्ट्रीय प्रभाव: भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और रूस-यूक्रेन युद्ध पर संतुलित रुख को लेकर कुछ पश्चिमी देशों की नाराजगी हो सकती है।

निष्कर्ष

भारत को Forbes की 2025 की सबसे शक्तिशाली देशों की सूची से बाहर रखना एक पक्षपातपूर्ण निर्णय प्रतीत होता है। भारत का आर्थिक, सैन्य, कूटनीतिक और वैज्ञानिक प्रभाव न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तेजी से बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में, भारत का इस सूची से बाहर रहना सिर्फ एक चूक नहीं बल्कि जानबूझकर लिया गया निर्णय भी हो सकता है। भारत के लिए यह एक मौका है कि वह अपनी ताकत को और अधिक मजबूती से प्रदर्शित करे और विश्व मंच पर अपनी प्रभावशाली उपस्थिति को और अधिक सशक्त बनाए।

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