दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण कदम: वाहन प्रदूषण पर भेजा नोटिस

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 जनवरी।
दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे न केवल स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि पर्यावरण भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इस मामले की सुनवाई का दायरा बढ़ा दिया है और वाहन प्रदूषण में वृद्धि को लेकर नोटिस जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट का नोटिस और दायरा बढ़ाना

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले में सुनवाई का दायरा बढ़ाते हुए वाहन प्रदूषण के मुद्दे पर भी ध्यान केंद्रित किया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और महानगर निगम (MCD) को नोटिस भेजा है। इसके साथ ही, केंद्रीय सरकार, दिल्ली सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को भी नोटिस जारी किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि दिल्ली के वायु प्रदूषण में वाहन प्रदूषण का एक प्रमुख योगदान है। कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों से यह जानकारी मांगी है कि वे प्रदूषण कम करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं। कोर्ट का मानना है कि यदि वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है, तो वाहन प्रदूषण पर काबू पाना बेहद महत्वपूर्ण है।

कोर्ट का आदेश और संबंधित अधिकारियों से जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने DDA और MCD से यह पूछा है कि वे वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं। साथ ही, कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से भी यह जानने की कोशिश की कि वे इस समस्या से निपटने के लिए किन योजनाओं और नीतियों पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से भी यह पूछा गया है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए क्या रणनीतियाँ तैयार की गई हैं।

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि इन सभी विभागों और आयोगों को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें उनके द्वारा उठाए गए कदमों और उनकी प्रभावशीलता पर जानकारी दी जाएगी।

मामले की अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी 2025 को निर्धारित की है। इस दिन संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट और जवाब की उम्मीद की जा रही है, ताकि प्रदूषण के इस गंभीर मुद्दे पर और अधिक प्रभावी कदम उठाए जा सकें।

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति

दिल्ली और इसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, खासकर सर्दी के मौसम में, जब धुंध और कोहरे की समस्या और भी गंभीर हो जाती है। प्रदूषण के मुख्य कारणों में वाहनों का उत्सर्जन, निर्माण कार्यों से धूल, कृषि में पराली जलाना, और औद्योगिक गतिविधियाँ शामिल हैं। वाहन प्रदूषण, विशेष रूप से डीजल और पेट्रोल वाहनों से होने वाला प्रदूषण, इस समस्या को और बढ़ा रहा है।

सरकार की ओर से उठाए गए कदम

दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं जैसे ऑड-ईवन योजना, पराली जलाने पर रोक, और प्रदूषण नियंत्रण के लिए एसीसी (एयर क्यूब) स्टेशन की स्थापना। इसके अलावा, केंद्र सरकार भी हरित ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। बावजूद इसके, प्रदूषण की समस्या नियंत्रण से बाहर होती जा रही है।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट का यह कदम दिल्ली-NCR क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ एक महत्वपूर्ण पहल है। वाहन प्रदूषण के मुद्दे पर कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि इस गंभीर समस्या को कम किया जा सके। सभी संबंधित विभागों और संस्थाओं को एकजुट होकर काम करना होगा, ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और दिल्लीवासियों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण मिल सके। 3 फरवरी को होने वाली सुनवाई में क्या कदम उठाए जाते हैं, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।

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