दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: पोस्टर वॉर से गर्माई सियासत

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,21 जनवरी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो रहे हैं। इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच पोस्टर वॉर चर्चा का केंद्र बन गया है। दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रही हैं और इस राजनीतिक प्रचार का माध्यम पोस्टर बन गए हैं।

AAP का बीजेपी पर वार

आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए दो पोस्टर जारी किए। पहले पोस्टर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से सवाल किया गया, “दिल्ली में बीजेपी का दूल्हा कौन?” AAP ने तंज कसते हुए बीजेपी की मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर असमंजस की स्थिति पर कटाक्ष किया।

दूसरे पोस्टर में अमित शाह को “दिल्ली में बीजेपी का जेब कतरा” बताते हुए कहा गया कि “मुफ्त सुविधाओं के लिए खतरा” है। इस पोस्टर में अमित शाह के हाथ में कैंची दिखाकर लिखा गया, “दिल्ली वालों की सारी बचत काट खाऊंगा”। AAP ने इस पोस्टर के जरिए मुफ्त बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं पर अपने मॉडल की रक्षा का संदेश दिया।

BJP का पलटवार

बीजेपी ने भी AAP पर करारा पलटवार करते हुए दो पोस्टर जारी किए। पहले पोस्टर में अरविंद केजरीवाल को “मकड़ी” करार दिया गया और लिखा गया, “पिछले 10 सालों में AAP ने केवल विभागों को लूटने का काम किया है।” इस पोस्टर के जरिए बीजेपी ने भ्रष्टाचार के आरोपों को हवा दी।

दूसरे पोस्टर में केजरीवाल को “घोषणा मंत्री” बताते हुए कहा गया, “आपदा का काम है दिन में 1 फर्जी घोषणा करना और उसे कभी पूरा न करना।” बीजेपी ने यह दावा किया कि AAP केवल वादे करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर उनके काम अधूरे रहते हैं।

राजनीतिक माहौल और रणनीति

दिल्ली में पोस्टर वॉर सियासी रणनीति का एक हिस्सा बन चुका है। जहां AAP मुफ्त सुविधाओं के अपने मॉडल को बचाने और बीजेपी पर सवाल उठाने में जुटी है, वहीं बीजेपी भ्रष्टाचार और अधूरे वादों के मुद्दे पर AAP को घेरने की कोशिश कर रही है।

जनता की भूमिका

इस पोस्टर वॉर से सियासी गर्मी बढ़ गई है, लेकिन इसका असर वोटरों पर कितना होगा, यह देखने वाली बात है। दिल्ली के मतदाता पिछले कुछ चुनावों में विकास और स्थायित्व को प्राथमिकता देते रहे हैं। ऐसे में इन पोस्टरों से अधिक महत्वपूर्ण यह होगा कि दोनों पार्टियां अपने वादों और एजेंडे को किस तरह जनता के बीच पहुंचाती हैं।

निष्कर्ष

दिल्ली चुनावों में पोस्टर वॉर ने सियासी लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। लेकिन अंततः जनता को यह तय करना है कि वे विकास और प्रशासन में किसे बेहतर मानते हैं। दोनों दलों के बीच इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच, यह स्पष्ट है कि आगामी चुनाव प्रचार और भी आक्रामक और रंगीन होने वाला है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.