डॉ. स्मिता जोशी: स्वास्थ आइकॉन अवार्ड 2025 विजेता, भारत में मधुमेह देखभाल के नए युग की शुरुआत करने वाली हस्ती

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,13 जनवरी।
स्वास्थ्य क्षेत्र में हमेशा से एक स्थायी बदलाव की आवश्यकता रही है, और इस बदलाव को साकार करने में डॉ. स्मिता जोशी ने अपनी अहम भूमिका निभाई है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अपनी अभूतपूर्व उपलब्धियों के लिए सम्मानित डॉ. जोशी ने भारतीय स्वास्थ्य व्यवस्था में बदलाव लाने, समुदायों को सशक्त बनाने और विशेष रूप से मधुमेह (डायबिटीज) के क्षेत्र में स्वास्थ्य सुधार की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्हें “स्वास्थ्य आइकन अवार्ड 2025” से सम्मानित किया गया है, जो उनके समर्पण और बदलाव की दिशा में उनके निरंतर प्रयासों का प्रतीक है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में नेतृत्व और सशक्तिकरण

डॉ. स्मिता जोशी ने हमेशा स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की दिशा में काम किया है। वह राष्ट्रीय समितियों की सक्रिय और महत्वपूर्ण सदस्य रही हैं, जैसे:

  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के लिए स्वास्थ्य संवर्धन तकनीकी विशेषज्ञ समूह (TEG)।
  • मधुमेह मेलिटस (Diabetes Mellitus) के लिए TEG, जो उपचार और प्रबंधन की नई रणनीतियों पर काम करता है।
  • बच्चों में गैर-संचारी रोगों (NCD) के लिए TEG, जो बाल रोगों की बढ़ती प्रवृत्ति से निपटने के लिए काम करता है।
  • DIABETESINDIA इंटरेस्ट ग्रुप (DIG) में नेतृत्व, जहां उन्होंने मधुमेह के प्रति जागरूकता और शिक्षा अभियान चलाए।

इन भूमिकाओं के माध्यम से डॉ. जोशी ने नीति निर्माण को प्रभावित किया और स्वास्थ्य सेवा की कुछ प्रमुख चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत किया।

मधुमेह के लिए मुफ्त इंसुलिन की उपलब्धता: एक ऐतिहासिक सफलता

डॉ. स्मिता जोशी का सबसे बड़ा योगदान मधुमेह (Type 1 Diabetes) के रोगियों के लिए इंसुलिन की सुलभता को सुनिश्चित करना है। उन्होंने गुजरात में मधुमेह से पीड़ित बच्चों के लिए मुफ्त इंसुलिन की व्यवस्था को लागू किया, जो समाज के वंचित वर्गों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई।

चुनौती और समाधान

इंसुलिन की लागत एक प्रमुख समस्या रही है, जो गरीब परिवारों के लिए एक बड़ा बोझ बन चुकी थी। डॉ. जोशी ने वर्षों की मेहनत से सरकारी सहायता प्राप्त की और एक नीति बनाई, जिसके तहत गुजरात में सभी बच्चों के लिए मुफ्त इंसुलिन प्रदान किया गया।

इस पहल ने न केवल गुजरात में स्वास्थ्य सेवा में सुधार किया, बल्कि देशभर में मधुमेह उपचार के लिए समान रूप से सुलभ नीति को प्रोत्साहित किया।

डॉ. स्मिता जोशी का अभियान: 2018 से अब तक

डॉ. जोशी का अभियान शानदार रहा है। उनका यह सफर दुनिया भर में स्वास्थ्य सुधार के लिए गूंजता रहा है। उन्होंने विभिन्न अभियानों के माध्यम से न केवल भारत, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी मधुमेह उपचार के लिए जागरूकता बढ़ाई है।

मुख्य अभियानों की उपलब्धियां:

  1. 2018 GIMACON अभियान: गुजरात से दिल्ली तक अपनी कार से यात्रा करते हुए, डॉ. जोशी ने मधुमेह के इलाज में सुधार के लिए एक प्रस्ताव पेश किया।
  2. 2019 DIABETESINDIA अभियान: कश्मीर से कन्याकुमारी तक 3500 किमी की यात्रा करके, मधुमेह के प्रति जागरूकता बढ़ाई।
  3. 2021 DIABETES VIJAY RATH अभियान: गांधी आश्रम से राज घाट तक यात्रा की, जिसमें भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को नीति सुधार का प्रस्ताव दिया।
  4. 2023 UNGA अभियान: डॉ. जोशी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लिया और वैश्विक स्वास्थ्य नीति सुधार की वकालत की।

मधुमेह के लिए प्रमुख उपलब्धियां:

  • गुजरात सरकार ने 2023 से हर साल ₹8 मिलियन का बजट बच्चों को मुफ्त इंसुलिन प्रदान करने के लिए आवंटित किया।
  • ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में मुफ्त इंसुलिन की आपूर्ति शुरू की गई।
  • बच्चों के लिए परीक्षा नीति में सुधार के लिए NCPCR के पास पहुंचने पर बदलाव हुआ, जिससे टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित बच्चों को स्कूल परीक्षाओं में राहत मिली।

डॉ. स्मिता जोशी: परिवर्तन की प्रेरणा

डॉ. जोशी का समर्पण केवल भारत तक सीमित नहीं रहा, उन्होंने वैश्विक मंचों पर भी स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए काम किया है। उनकी कोशिशों ने न केवल स्वास्थ्य विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं को एकजुट किया, बल्कि समाज में स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा दिया।

डॉ. स्मिता जोशी ने यह सिद्ध कर दिया है कि एक महिला की दृढ़ता और समर्पण से दुनिया में बड़ा बदलाव आ सकता है। उनके कार्य उनके जुनून, संघर्ष और उद्देश्य का प्रमाण हैं। वह एक प्रेरणा हैं, जिन्होंने केवल स्वास्थ्य क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

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