समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 जनवरी। देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। आज, चुनाव आयोग दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने जा रहा है। चुनाव आयोग की ओर से यह महत्वपूर्ण घोषणा दोपहर 2 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की जाएगी।
दिल्ली में राजनीतिक गतिविधियां तेज
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही दिल्ली की सियासत गरमा चुकी है। सभी प्रमुख राजनीतिक दल, चाहे वह आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), या कांग्रेस हो, चुनावी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं।
- आप: वर्तमान में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी अपनी उपलब्धियों, जैसे मुफ्त बिजली-पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार, को चुनावी मुद्दा बना रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के विकास मॉडल को फिर से जनता के सामने प्रमुख रूप से प्रस्तुत करने की तैयारी कर ली है।
- बीजेपी: भारतीय जनता पार्टी ने इस बार दिल्ली में सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। बीजेपी ने हाल ही में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है और हाईप्रोफाइल सीटों पर बड़े नेताओं को उतारा है।
- कांग्रेस: लंबे समय से सत्ता से बाहर कांग्रेस भी इस चुनाव में अपनी खोई हुई सियासी जमीन को वापस पाने के प्रयास में है।
प्रमुख मुद्दे:
दिल्ली विधानसभा चुनाव में निम्नलिखित मुद्दे छाए रह सकते हैं:
- मुफ्त सुविधाएं: आम आदमी पार्टी की योजनाएं, जैसे मुफ्त बिजली, पानी, और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार, एक बार फिर केंद्र में रहेंगी।
- प्रदूषण: दिल्ली के वायु प्रदूषण और यमुना की सफाई का मुद्दा भी चर्चा में रहेगा।
- बुनियादी ढांचा: सड़कें, परिवहन, और कनेक्टिविटी जैसे बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दे चुनाव प्रचार में अहम होंगे।
- सुरक्षा: महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए जा सकते हैं।
चुनाव आयोग की तैयारियां:
चुनाव आयोग ने इस बार निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए खास तैयारी की है। सभी पोलिंग बूथों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, और ईवीएम के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल अनिवार्य होगा। साथ ही, आदर्श आचार संहिता के पालन को सख्ती से लागू किया जाएगा।
चुनावी तारीखों का ऐलान क्यों है महत्वपूर्ण?
चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसका मतलब है कि सरकार कोई नई योजना या बड़ी घोषणा नहीं कर सकेगी। साथ ही, सभी राजनीतिक दलों को अपने प्रचार अभियान में पारदर्शिता रखनी होगी।
निष्कर्ष:
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान चुनावी सरगर्मी को और बढ़ा देगा। सभी दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं, और जनता भी यह देखने को उत्सुक है कि इस बार राजधानी की बागडोर किसके हाथ में होगी। दोपहर 2 बजे होने वाली चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं।