केजरीवाल के आवास के बाहर पंजाब की महिलाओं का प्रदर्शन: कांग्रेस का आरोप- “AAP ने किए झूठे वादे”

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,4 जनवरी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर पंजाब की महिलाओं ने मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब में महिलाओं से किए अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं किया। इस प्रदर्शन को कांग्रेस ने भी समर्थन देते हुए AAP पर निशाना साधा और कहा कि पार्टी ने “झूठे वादे” कर पंजाब की जनता को गुमराह किया।

महिलाओं का मुख्य मुद्दा

प्रदर्शन में शामिल महिलाओं का कहना है कि AAP ने पंजाब चुनाव के दौरान महिलाओं की सुरक्षा, रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण के बड़े-बड़े वादे किए थे। लेकिन सरकार बनने के बाद इनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया।

  • महिला भत्ता योजना: प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि महिलाओं को ₹1,000 प्रति माह देने का वादा सिर्फ चुनावी जुमला था। यह योजना अब तक लागू नहीं हुई है।
  • महिला सुरक्षा: महिलाओं ने कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है और महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं।
  • रोजगार: सरकार ने युवाओं और महिलाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

कांग्रेस ने साधा निशाना

पंजाब कांग्रेस ने इस प्रदर्शन का समर्थन करते हुए AAP पर कड़ा हमला बोला। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “AAP ने चुनाव के समय झूठे सपने दिखाए और सत्ता में आने के बाद लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया। महिलाओं को सशक्त बनाने के बजाय उन्हें धोखा दिया गया है।”

AAP का पक्ष

इस बीच, AAP ने महिलाओं के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं और भविष्य में और भी वादे पूरे किए जाएंगे। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि विपक्ष जानबूझकर गलत जानकारी फैला रहा है और जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।

पंजाब में बढ़ते असंतोष का संकेत

पंजाब में AAP की सरकार बनने के बाद यह पहला बड़ा प्रदर्शन है, जो सरकार के प्रति बढ़ते असंतोष को दर्शाता है। महिलाओं का यह आंदोलन न केवल AAP की नीति और वादों पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी बताता है कि चुनावी वादों को पूरा करने में सरकार अब तक सफल नहीं रही है।

निष्कर्ष

पंजाब की महिलाओं का यह प्रदर्शन आम आदमी पार्टी के लिए चेतावनी का संकेत हो सकता है। अगर वादों को पूरा करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो जनता का असंतोष और बढ़ सकता है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां इसे आगामी चुनावों के लिए बड़ा मुद्दा बना सकती हैं। अब देखना यह होगा कि AAP इन आरोपों का किस तरह से जवाब देती है और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए क्या कदम उठाती है।

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