महर्षि विद्या मंदिर में मनाया गया पहला “अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस”

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

भोपाल के महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय समूह के राष्ट्रीय कैंप कार्यालय के सभागार में प्रथम “अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस” एक भव्य और गरिमामय समारोह में मनाया गया। इस विशेष कार्यक्रम की अध्यक्षता महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय समूह के अध्यक्ष वेद विद्या मार्तण्ड ब्रह्मचारी गिरीश जी ने की।

भावातीत ध्यान: सकारात्मकता और शांति का स्रोत

ब्रह्मचारी गिरीश जी ने इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र और समस्त सहयोगी देशों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह भारतीय ऋषि-महर्षियों की तपस्या और सामूहिक चेतना के सतोगुणी प्रभाव का परिणाम है कि योग के बाद अब ध्यान पर भी वैश्विक स्तर पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा, “भावातीत ध्यान, जो परम पूज्य महर्षि महेश योगी जी द्वारा प्रणीत है, सकारात्मकता को बढ़ाने और नकारात्मकता को समाप्त करने का सबसे प्रभावी साधन है।” उन्होंने सभी को सुबह और शाम 20-20 मिनट के लिए नियमित रूप से भावातीत ध्यान करने की सलाह दी।

सतोगुण और सामूहिक चेतना

ब्रह्मचारी जी ने सत्व की वृद्धि और संकल्प सिद्धि के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चेतना की शुद्धि से बाहरी वातावरण की शुद्धि होती है, जिससे सामूहिक चेतना में सतोगुण की वृद्धि होती है। यह प्रक्रिया समाज में शांति और समृद्धि लाने में सहायक होती है।

भावातीत ध्यान की सरलता और प्रभाव

महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. भुवनेश शर्मा ने भावातीत ध्यान को सभी योग पद्धतियों में सर्वश्रेष्ठ बताते हुए कहा कि यह सहज, स्वाभाविक और प्रयासहीन है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने ध्यान के महत्व को समझते हुए इसे मान्यता दी है, जो सतोगुण की बढ़ोतरी का संकेत है।

विश्व शांति की ओर एक कदम

महर्षि विश्व शांति आंदोलन के राष्ट्रीय महासचिव ने इस अवसर पर समस्त विश्व परिवार को बधाई दी और उम्मीद जताई कि ध्यान के माध्यम से शीघ्र ही विश्व शांति का सपना साकार होगा।

कार्यक्रम की मुख्य गतिविधियां

कार्यक्रम का शुभारंभ महर्षि संस्थान की परंपरा अनुसार गुरु परंपरा पूजन से हुआ। इसके बाद उपस्थित सभी लोगों ने सामूहिक रूप से भावातीत ध्यान का अभ्यास किया। महर्षि जी के अन्य संस्थानों में भी इसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इस अवसर पर महर्षि संस्थान के निदेशकगण, अधिकारी और बड़ी संख्या में कर्मचारी उपस्थित थे। इस आयोजन ने ध्यान और इसकी शक्ति को जन-जन तक पहुंचाने का संदेश दिया, जिससे समाज में शांति, सकारात्मकता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.