लीवर का कार्य और तेल का प्रभाव

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,26 दिसंबर।
लीवर शरीर का प्रमुख अंग है जो भोजन को पचाने, विषाक्त पदार्थों को हटाने, और वसा चयापचय (fat metabolism) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तेल का सेवन सीधे लीवर के कार्य पर प्रभाव डाल सकता है, खासकर जब अस्वास्थ्यकर तेल (जैसे रिफाइंड और हाइड्रोजनेटेड तेल) का अधिक सेवन किया जाता है। रिफाइंड तेल और हाइड्रोजनेटेड वेजिटेबल ऑयल से लीवर को नुकसान 1. वसा का असामान्य संचय (Fatty Liver) रिफाइंड और हाइड्रोजनेटेड तेल में ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है, जो लीवर की कोशिकाओं में वसा के जमाव (fat deposition) को बढ़ाता है। इससे नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) का खतरा बढ़ जाता है। 2. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन (Oxidative Stress and Inflammation) रिफाइंड तेल उच्च तापमान और रसायनों से गुजरता है, जिससे फ्री रेडिकल्स उत्पन्न होते हैं। ये फ्री रेडिकल्स लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ाते हैं। इससे लीवर में सूजन (liver inflammation) हो सकती है, जो आगे चलकर लीवर सिरोसिस या फाइब्रोसिस का कारण बन सकती है। 3. डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया में बाधा (Impairment in Detoxification) लीवर शरीर को विषैले पदार्थों (toxins) से मुक्त करता है, लेकिन रिफाइंड और हाइड्रोजनेटेड तेल में मौजूद हानिकारक रसायन (chemical residues) लीवर की डिटॉक्स प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं। इससे विषाक्त पदार्थ शरीर में जमा हो सकते हैं, जो अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकते हैं। 4. इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) ट्रांस फैट और उच्च संतृप्त वसा (saturated fat) इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाते हैं, जिससे मेटाबॉलिक सिंड्रोम और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। इंसुलिन प्रतिरोध लीवर में ग्लूकोज और वसा के असामान्य चयापचय को जन्म देता है। 5. पित्त के प्रवाह में बाधा (Bile Flow Obstruction) हानिकारक तेल लीवर द्वारा उत्पन्न पित्त (bile) के प्रवाह को बाधित कर सकते हैं, जिससे पाचन प्रक्रिया प्रभावित होती है। अधिक तेल का सेवन लीवर पर कैसे प्रभाव डालता है? वजन बढ़ना (Obesity): तेल की अधिक मात्रा वसा ऊतक (adipose tissue) को बढ़ाती है, जिससे लीवर में वसा का जमाव होता है। लीवर पर अतिरिक्त कार्यभार (Overloading of Liver): अधिक तेल का सेवन लीवर को वसा चयापचय में अत्यधिक कार्य करने पर मजबूर करता है, जिससे लीवर की कार्यक्षमता घट सकती है। टॉक्सिन्स का बढ़ना: अस्वास्थ्यकर तेल के अधिक सेवन से विषैले पदार्थों का स्तर बढ़ जाता है, जो लीवर को कमजोर करता है। बैल द्वारा कोल्हू से निकाला गया तेल (Bull Driven Cold-Pressed Oil) का लीवर और अन्य अंगों पर सकारात्मक प्रभाव 1. प्राकृतिक पोषक तत्वों का संरक्षण कोल्हू तेल को कम तापमान पर निकाला जाता है, जिससे इसमें मौजूद विटामिन (जैसे विटामिन E और K), ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट सुरक्षित रहते हैं। ये पोषक तत्व लीवर कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं। 2. डिटॉक्स प्रक्रिया में सहायता कोल्हू तेल में एंटीऑक्सीडेंट और प्राकृतिक फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो लीवर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं और विषाक्त पदार्थों को हटाने की प्रक्रिया को तेज करते हैं। 3. सूजन को कम करना कोल्हू तेल में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड का सही अनुपात होता है, जो लीवर और शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन (inflammation) को कम करता है। 4. फैटी लिवर को रोकना कोल्हू सरसों का तेल वसा के बेहतर चयापचय (fat metabolism) में मदद करता है, जिससे लीवर में वसा का जमाव कम होता है। यह शरीर में एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ाता है और एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) कम करता है। 5. अन्य अंगों पर प्रभाव हृदय स्वास्थ्य: यह रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है। पाचन तंत्र: कोल्हू तेल पाचन एंजाइमों के स्राव को बढ़ाता है, जिससे पाचन बेहतर होता है। त्वचा और बालों का स्वास्थ्य: इसमें मौजूद विटामिन E त्वचा और बालों को पोषण देता है। निष्कर्ष रिफाइंड और हाइड्रोजनेटेड तेल लीवर की कार्यक्षमता को बाधित कर सकते हैं और विभिन्न बीमारियों का कारण बन सकते हैं। दूसरी ओर, बैल द्वारा कोल्हू से निकाला गया तेल प्राकृतिक पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो लीवर और अन्य अंगों को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसे अपने आहार में शामिल करना लीवर और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। धेनु गोपाल संगठन हमारी शुद्धता, आपका विश्वास सेक्टर बी अलीगंज, लखनऊ

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.