स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की समाधि ‘सदैव अटल’ पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़।

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,26 दिसंबर।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय राजनीति के महानायक स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में स्थापित उनकी समाधि ‘सदैव अटल’ न केवल उनके जीवन के आदर्शों की प्रतीक है, बल्कि यह स्थान देशभक्ति, निस्वार्थ सेवा, और सशक्त नेतृत्व का प्रेरणास्रोत भी है।

26 दिसंबर 2024 को, माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी ने ‘सदैव अटल’ पर पहुंचकर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए और वाजपेयी जी के अद्वितीय योगदान को स्मरण किया। यह अवसर एक ऐसे व्यक्तित्व के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का था, जिन्होंने अपने नेतृत्व से भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और लोकतंत्र की गरिमा को सदैव बनाए रखा।

अटल जी का जीवन और उनकी विरासत

अटल बिहारी वाजपेयी जी भारतीय राजनीति के उन महान नेताओं में से एक थे, जिन्होंने अपने कुशल नेतृत्व, प्रखर वाणी, और सर्वजन हितकारी दृष्टिकोण से हर भारतीय के दिल में जगह बनाई।

  • प्रधानमंत्री के रूप में योगदान: वाजपेयी जी ने पोखरण परमाणु परीक्षण और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना जैसे ऐतिहासिक कदम उठाए, जिन्होंने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
  • कवि और विचारक: उनकी कविताएं और भाषण आज भी युवाओं और बुजुर्गों को समान रूप से प्रेरणा देते हैं। उनका हर शब्द शांति, प्रेम, और प्रगति की भावना से भरा हुआ था।
  • राजनीतिक नेतृत्व: वाजपेयी जी का जीवन लोकतांत्रिक मूल्यों और पारदर्शिता का उदाहरण था। उन्होंने राजनीति में एक गरिमापूर्ण संवाद और विचारधारा की गहराई को बढ़ावा दिया।

सदैव अटल: स्मारक का महत्व

‘सदैव अटल’ समाधि न केवल वाजपेयी जी के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह उनके विचारों और मूल्यों को जीवित रखने का एक प्रयास भी है। यह स्मारक एक वृत्ताकार संरचना में बनाया गया है, जो अनवरत सेवा और अटल विश्वास का प्रतीक है। यहां हर कोना वाजपेयी जी के सादगीपूर्ण जीवन और उनकी अमर दृष्टि की कहानी कहता है।

माननीय उपराष्ट्रपति का संदेश

श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, श्री जगदीप धनखड़ जी ने कहा:
“अटल जी का जीवन एक दीपस्तंभ के समान है, जो हमें सत्य, निष्ठा, और सेवा के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है। उनकी कविताएं, विचार, और कार्य हमें याद दिलाते हैं कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अडिग रहना ही सच्चा नेतृत्व है।”

अटल जी के विचारों से प्रेरणा

अटल जी का दृष्टिकोण हमें यह सिखाता है कि विकास, एकता, और आत्मनिर्भरता को कैसे प्राथमिकता दी जाए। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणा है, चाहे वह युवा हों, नेता हों, या आम नागरिक। उनकी यह सीख कि राजनीति केवल सत्ता का माध्यम नहीं है, बल्कि सेवा का एक साधन है, आज भी प्रासंगिक है।

निष्कर्ष

‘सदैव अटल’ पर माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी की उपस्थिति ने अटल जी की स्मृति को एक बार फिर जीवंत कर दिया। यह स्थान न केवल एक श्रद्धांजलि का स्थल है, बल्कि यह हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा केंद्र भी है।

अटल जी की विरासत सदैव हमारे साथ रहेगी, और उनका योगदान हर पीढ़ी को यह सिखाएगा कि “अटल रहना” ही सबसे बड़ी ताकत है

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