समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16 दिसंबर।
देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए प्रस्तावित संविधान (129वां) संशोधन विधेयक मंगलवार, 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया जा सकता है। इस विधेयक में एक प्रावधान यह भी है कि विशेष परिस्थितियों में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ नहीं कराए जा सकेंगे।
विधेयक के अनुसार, यदि चुनाव आयोग की राय है कि किसी राज्य की विधानसभा के चुनाव, लोकसभा के चुनाव के साथ कराना संभव नहीं है, तो आयोग राष्ट्रपति को इसके लिए अलग से चुनाव कराने की सिफारिश कर सकता है। इस स्थिति में राष्ट्रपति यह आदेश जारी कर सकते हैं कि उस राज्य के विधानसभा चुनाव बाद में कराए जाएं।
संविधान संशोधन विधेयक के तहत संविधान में एक नया अनुच्छेद जोड़ा जाएगा और तीन अनुच्छेदों में संशोधन किया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराना है, ताकि चुनाव प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सके और बार-बार होने वाले चुनावों से बचा जा सके।
इस विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की योजना में यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि जब तक परिस्थितियां अनुकूल न हों, तब तक दोनों चुनाव अलग-अलग कराने का विकल्प खुला रहेगा। इस कदम को देश में चुनाव सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।