समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 दिसंबर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की व्यवस्था से संबंधित संवैधानिक संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। यह कदम सरकार के ‘एक देश, एक चुनाव’ के उद्देश्य को हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई एक उच्चस्तरीय समिति ने नगर निकाय और पंचायत चुनावों को भी एक साथ कराने का सुझाव दिया था, लेकिन केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फिलहाल स्थानीय निकाय चुनावों को इस प्रक्रिया से बाहर रखने का निर्णय लिया है।
समिति की रिपोर्ट मार्च 2024 में सौंपी गई थी, जिसे सितंबर में कैबिनेट ने स्वीकार किया था। अब विधेयक के मसौदे को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है और इसे संसद के इसी सत्र में पेश किया जाएगा। यह एक देश, एक चुनाव का मुद्दा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का पुराना प्रस्ताव रहा है और अब मोदी सरकार इसे कानून बनाने की प्रक्रिया में आगे बढ़ने वाली है।
अगर यह विधेयक कानून बनता है, तो यह 2029 या 2034 में लागू हो सकता है। हालांकि, सरकार ने इसके लागू होने की तारीख पर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की है।
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए कम से कम आधे राज्यों की मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक होगा, जो कि एक कठिन कार्य हो सकता है। विधेयक को लोकसभा से पारित कराने के लिए दो तिहाई सांसदों का समर्थन चाहिए, जो 362 सांसदों तक पहुंचने के लिए जरूरी होगा।
राज्यसभा में भी केंद्र सरकार के लिए यह प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण हो सकती है। केंद्र सरकार के पास राज्यसभा में दो तिहाई समर्थन जुटाने के लिए आवश्यक संख्या पूरी नहीं हो रही है।