संजय राउत ने चुनावी नतीजों पर उठाए सवाल: ‘लोग गद्दारों को कैसे जिता सकते हैं?’ अदाणी विवाद पर भी साधा निशाना

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,23 नवम्बर।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने हाल ही में संपन्न चुनावों के नतीजों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न केवल चुनाव परिणामों को लेकर सवाल खड़े किए, बल्कि अदाणी विवाद पर भी केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधा।

‘गद्दारों को कैसे जिता सकते हैं लोग?’

चुनाव परिणामों पर बोलते हुए संजय राउत ने उन नेताओं पर निशाना साधा, जिन्होंने शिवसेना से अलग होकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में नया गुट बनाया था। उन्होंने कहा:
“यह कैसे संभव है कि लोग उन गद्दारों को वोट दें, जिन्होंने जनता की भावनाओं और पार्टी के प्रति वफादारी से गद्दारी की हो? यह नतीजे संदेहास्पद हैं और हमें इन पर गहराई से सोचने की जरूरत है।”

राउत का यह बयान स्पष्ट रूप से उन सीटों के संदर्भ में था, जहां शिंदे गुट के उम्मीदवारों को जीत मिली है। उनका कहना है कि यह जीत जनभावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती, बल्कि कुछ और संकेत देती है।

ईवीएम और प्रशासन पर सवाल

राउत ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की प्रामाणिकता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब तक चुनाव पारदर्शी तरीके से नहीं होंगे, तब तक नतीजों पर संदेह बना रहेगा। उन्होंने प्रशासन और चुनाव आयोग को भी आड़े हाथों लिया और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की मांग की।

अदाणी विवाद पर केंद्र पर हमला

चुनावी नतीजों के साथ-साथ संजय राउत ने अदाणी विवाद का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा:
“देश की संपत्तियां कुछ गिने-चुने लोगों को सौंप दी जा रही हैं। अदाणी विवाद ने यह साफ कर दिया है कि मौजूदा सरकार बड़े कॉर्पोरेट्स के पक्ष में काम कर रही है, जबकि आम जनता के मुद्दों की अनदेखी कर रही है।”

राउत ने विपक्ष के इस आरोप को भी दोहराया कि केंद्र सरकार अदाणी समूह से जुड़े विवादों को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी इन मुद्दों पर चुप क्यों हैं।

राजनीतिक संदेश और आगामी रणनीति

संजय राउत के इन बयानों से यह स्पष्ट है कि शिवसेना (उद्धव गुट) चुनावी नतीजों को लेकर न केवल आक्रामक है, बल्कि अदाणी विवाद को भी प्रमुख मुद्दा बनाकर जनता के बीच अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है।

राउत ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी किसी भी गद्दारी को बर्दाश्त नहीं करेगी और आगामी चुनावों में इन ‘गद्दारों’ को जनता करारा जवाब देगी।

भाजपा की प्रतिक्रिया

भाजपा नेताओं ने राउत के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह हार का सामना करने के बाद हताशा का परिणाम है। उनका कहना है कि जनता ने शिंदे गुट और भाजपा को विकास और स्थिरता के लिए वोट दिया है।

निष्कर्ष

संजय राउत के इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। उनके आरोप न केवल चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करते हैं, बल्कि अदाणी विवाद जैसे राष्ट्रीय मुद्दे को भी केंद्र में लाते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि शिवसेना (उद्धव गुट) इन मुद्दों को लेकर आगामी चुनावों में किस तरह की रणनीति अपनाती है और जनता इन दावों पर क्या प्रतिक्रिया देती है।

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