

नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) विश्वविद्यालय में गैर-मुसलमानों के साथ कथित भेदभाव और धर्मांतरण के मामलों पर आधारित फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट को गुरुवार को सार्वजनिक किया गया। यह रिपोर्ट “कॉल फॉर जस्टिस” द्वारा गठित समिति ने जारी की, जिसमें न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एस.एन. ढींगरा और दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव सहित अन्य सदस्य शामिल हैं।
इस समिति का गठन “कॉल फॉर जस्टिस” नामक एनजीओ ने किया। इसका उद्देश्य जामिया में गैर-मुसलमानों के साथ भेदभाव और धर्मांतरण के आरोपों की जांच करना था। समिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एस.एन. ढींगरा, अधिवक्ता राजीव कुमार तिवारी, पूर्व आईएएस अधिकारी नरेंद्र कुमार, पूर्व पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव, और अन्य विशेषज्ञ शामिल थे।
यह रिपोर्ट गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, शिक्षा मंत्रालय, और दिल्ली के उपराज्यपाल को प्रस्तुत की जाएगी। “कॉल फॉर जस्टिस” ने जेएमआई के खिलाफ शिकायतों की प्रारंभिक जांच के बाद विस्तृत जांच के लिए इस समिति का गठन किया था।
यह रिपोर्ट जेएमआई में भेदभाव और धर्मांतरण के गंभीर आरोपों पर ध्यान केंद्रित करती है और इन मामलों में कार्रवाई की मांग करती है।