कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस पर ममता सरकार की आलोचना के बाद नया एंटी रेप बिल पेश होगा

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समग्र समाचार सेवा

कोलकाता 31 अगस्त. कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस के बाद ममता बनर्जी की सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। इस मामले के बाद अब पश्चिम बंगाल सरकार रेप के मामलों से निपटने के लिए एक कड़ा कानून पेश करने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि यह एंटी रेप बिल सोमवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा।

इस नए विधेयक के तहत बलात्कार के सभी दोषियों के लिए मौत की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, पीड़िता के लिए मुआवजे या आरोपी पर भारी जुर्माना लगाने की भी मांग की जाएगी। इस बिल का उद्देश्य बलात्कार के मामलों में सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करना है, ताकि अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके और इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके।

इस विधेयक में मृत्युदंड का प्रावधान शामिल किया गया है, जो पहले सुप्रीम कोर्ट के 1983 के मिठू बनाम पंजाब राज्य मामले में खारिज कर दिया गया था। उस मामले में IPC की धारा 303 के तहत अनिवार्य मृत्युदंड को असंवैधानिक घोषित किया गया था। अदालत का कहना था कि यह कानून मौलिक अधिकारों, विशेष रूप से संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) का उल्लंघन करता है।

इस विधेयक पर सुप्रीम कोर्ट में बंगाल सरकार के वकील संजय बसु ने कहा कि बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कई फैसलों का गहन अध्ययन किया है। इसके आधार पर सरकार ने बलात्कारियों के लिए मौत की सजा और आजीवन कारावास का प्रस्ताव रखा है। साथ ही पीड़िता के उपचार के लिए मुआवजे या जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

यह उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश भी ऐसे ही विधेयक पर काम कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश दिशा विधेयक, 2019 और महाराष्ट्र शक्ति विधेयक, 2020 में भी बलात्कार के मामलों में मृत्युदंड की मांग की गई है। हालांकि, इन विधेयकों को अभी राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि बंगाल सरकार द्वारा प्रस्तावित इस विधेयक को किस तरह की प्रतिक्रिया मिलती है और यह कानून बनने के बाद अपराधियों पर क्या असर डालता है।

 

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