महिला सुरक्षा पर PM मोदी का जोर, नए आपराधिक कानूनों में विशेष फोकस

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शशि झा

नई दिल्ली, 31 अगस्त. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं की सुरक्षा को और सुदृढ़ करने पर जोर दिया है। उन्होंने जिला न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान कहा कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और बच्चों की सुरक्षा हमारे समाज के लिए एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने बताया कि देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कठोर कानून बने हैं, लेकिन इसे और अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि महिलाओं से जुड़े अत्याचार के मामलों में जितनी तेजी से न्याय दिया जाएगा, उतना ही महिलाओं की सुरक्षा बढ़ेगी और उनका विश्वास मजबूत होगा। न्यायिक देरी को खत्म करने के लिए बीते एक दशक में बड़े कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों में न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए लगभग 8,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो कि पिछले 25 सालों में किए गए कुल खर्च का 75 प्रतिशत है। साथ ही उन्होंने भारतीय न्याय संहिता के तहत नए आपराधिक कानूनों का भी उल्लेख किया।

नए आपराधिक कानूनों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने एक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। उन्होंने कहा कि नए आपराधिक कानून का उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखना है, खासकर महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को सशक्त करना।

प्रधानमंत्री मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट ने मौलिक अधिकारों की रक्षा की और राष्ट्रीय अखंडता को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट के 75 साल पूरे होने पर उन्होंने कहा कि यह यात्रा सिर्फ एक संस्था की नहीं, बल्कि भारत के लोकतंत्र और संविधान की परिपक्वता की यात्रा है। भारत ने हमेशा अपनी न्यायपालिका पर गहरा विश्वास और भरोसा बनाए रखा है, जो हमारे लोकतंत्र के गौरव को और बढ़ाता है।

 

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