समग्र समाचार सेवा
हरियाणा, 18 अगस्त। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखें तय हो गई हैं। जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन चरणों में होंगे जबकि हरियाणा में एक ही चरण में मतदान होगा। दोनों राज्यों में मतगणना 4 अक्टूबर को होगी और इसी दिन चुनाव परिणाम भी घोषित किए जाएंगे।
हाल ही में सामने आए एक सर्वेक्षण से हरियाणा के चुनावी मुकाबले के और भी रोमांचक होने की संभावना है। सर्वे के अनुसार, इस बार किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलना मुश्किल लग रहा है। भाजपा गठबंधन को सर्वे में सबसे अधिक 35.2% वोट मिलने की संभावना जताई गई है, जबकि कांग्रेस को 31.6%, जेजेपी को 12.4%, और अन्य दलों को 20.8% वोट मिल सकते हैं।
हरियाणा विधानसभा में बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए, लेकिन सर्वे के अनुसार, कोई भी दल इस आंकड़े को पार करता नहीं दिख रहा है। अनुमान के मुताबिक भाजपा 37-42 सीटें, कांग्रेस 33-38 सीटें, जेजेपी 3-8 सीटें, और अन्य दल 7-12 सीटें जीत सकते हैं। ऐसे में दुष्यंत चौटाला की जेजेपी की भूमिका निर्णायक हो सकती है, जो किसी भी गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
सर्वे में शामिल 23,000 से अधिक मतदाताओं ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के प्रदर्शन पर मिली-जुली राय दी है। वहीं, दुष्यंत चौटाला के भविष्य को लेकर भी मतदाता विभाजित हैं, जहां 44% लोग कांग्रेस के साथ उनकी संभावित गठबंधन की संभावना मानते हैं।
चुनाव में प्रमुख मुद्दों में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चयन सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है, इसके बाद गठबंधन की स्थिति और किसानों के मुद्दे हैं। इसके अलावा, अग्निवीर स्कीम भी चर्चा का केंद्र बनी हुई है, जहां 29% लोग इसके रद्द होने के पक्ष में हैं, जबकि 56% इसका विरोध कर रहे हैं।
हरियाणा में इस बार का चुनावी दंगल न केवल पार्टियों के लिए बल्कि मतदाताओं के लिए भी बड़ा फैसला साबित हो सकता है।