समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17अगस्त। राजस्थान का उदयपुर शहर शुक्रवार को हिंसा की चपेट में आ गया, जिसके परिणामस्वरूप पूरे जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। इस हिंसा के चलते इंटरनेट सेवा भी शुक्रवार की शाम से पूरी तरह से बंद कर दी गई है।
इस हिंसा की शुरुआत एक स्कूल के छात्र की चाकू से गोदने की घटना से हुई। घटना के बाद, स्थिति तेजी से बिगड़ी और शहर में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। विरोध प्रदर्शनों ने देखते ही देखते पूरे जिले को प्रभावित कर दिया, जिससे शांति व्यवस्था बनाए रखना कठिन हो गया।
स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए धारा 144 लागू कर दी है, जो कि एक स्थान पर चार या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाती है। इस कदम का उद्देश्य हिंसा को रोकना और शांति व्यवस्था बनाए रखना है। साथ ही, इंटरनेट सेवा बंद करने का निर्णय भी लिया गया है ताकि अफवाहों और गलत सूचनाओं के प्रसार को रोका जा सके।
उदयपुर में स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, सभी स्कूलों और कॉलेजों को तत्काल बंद कर दिया गया है। इससे छात्रों और उनके परिवारों के लिए असुविधा उत्पन्न हुई है, लेकिन प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया है।
पुलिस और सुरक्षा बलों ने शहर में गश्त बढ़ा दी है और हिंसात्मक गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है। स्थानीय अधिकारियों ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए सघन जांच अभियान शुरू किया है।
राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से शांति की अपील की गई है और नागरिकों से संयम बनाए रखने की अपील की गई है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि हिंसा में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और स्थिति को जल्दी सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उदयपुर की इस हिंसक घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। प्रशासन और नागरिकों को मिलकर इस स्थिति को नियंत्रित करना होगा ताकि शहर में सामान्य स्थिति बहाल हो सके और हिंसा की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।