पाकिस्तान मूल के कनाडाई बिजनेसमैन तहव्वुर राणा को अमेरिकी कोर्ट से झटका: भारत प्रत्यर्पण की अपील खारिज
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17अगस्त। पाकिस्तान मूल के कनाडाई बिजनेसमैन तहव्वुर राणा को अमेरिकी कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी भारत प्रत्यर्पण की अपील को खारिज करते हुए कहा है कि उनके खिलाफ भारत में चल रहे आतंकवाद से संबंधित मामलों के आधार पर उन्हें प्रत्यर्पित किया जा सकता है। तहव्वुर राणा 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
अमेरिकी कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के बीच की प्रत्यर्पण संधि के तहत तहव्वुर राणा को भारत भेजा जा सकता है, जहां वह कानून के सामने अपने आरोपों का सामना करेंगे। राणा ने अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ कोर्ट में अपील की थी, जिसमें उन्होंने तर्क दिया था कि भारत में उनके खिलाफ चल रहे मामले राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं, लेकिन कोर्ट ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया।
तहव्वुर राणा, जिनका संबंध पाकिस्तान से है और जिनके पास कनाडा की नागरिकता है, पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई हमलों की साजिश में शामिल आतंकियों की मदद की थी। उन पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई में हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को भारतीय वीजा प्राप्त करने में सहायता की थी।
यह फैसला भारत के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि वह लंबे समय से तहव्वुर राणा को अपने देश में लाकर न्याय के कटघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहा था। अब, इस फैसले के बाद राणा का भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है।
इस मामले पर भारतीय अधिकारियों ने संतोष जताया है और उम्मीद की है कि राणा को जल्द ही भारत लाया जाएगा, जहां वह आतंकवाद के गंभीर आरोपों का सामना करेंगे।
यह फैसला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, और इससे यह संदेश भी जाता है कि किसी भी देश में आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे कहीं भी हों।
तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण यदि सफल होता है, तो यह मुंबई हमलों के पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। भारत में न्याय प्रक्रिया के दौरान उनके खिलाफ सबूतों को पेश किया जाएगा, और अदालत द्वारा उनके दोषी या निर्दोष होने का फैसला किया जाएगा।