सोशल मीडिया पर बढ़ती अश्लीलता और गैर-जिम्मेदाराना कंटेंट: बच्चों के लिए बड़ा खतरा

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17अगस्त। आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। खासकर इंस्टाग्राम रील्स जैसी प्लेटफॉर्म्स ने मनोरंजन और रचनात्मकता के नए आयाम खोले हैं। लेकिन इन प्लेटफॉर्म्स पर कुछ ऐसा कंटेंट भी सामने आ रहा है, जो न केवल आपत्तिजनक है, बल्कि छोटे बच्चों के लिए भी बेहद हानिकारक साबित हो सकता है।

हाल ही में एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें ऑनलाइन जुआ खेलने के तरीकों को महज 12 साल की उम्र में शुरू करने का मजाक उड़ाते हुए दिखाया गया। इस वीडियो को देखकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा, और इसे तुरंत हटाने की मांग उठाई गई। इस तरह के वीडियो न केवल बच्चों को गलत संदेश देते हैं, बल्कि उन्हें गलत दिशा में प्रेरित भी कर सकते हैं।

सोशल मीडिया पर इस प्रकार का गैर-जिम्मेदाराना कंटेंट तेजी से बढ़ रहा है, जो बच्चों के कोमल मन पर गहरा असर डाल सकता है। जब बच्चे ऐसे वीडियो देखते हैं, तो वे इसे मजाक के रूप में नहीं, बल्कि एक वास्तविकता के रूप में ले सकते हैं। इससे उनकी मानसिकता पर बुरा असर पड़ता है और वे गलत आदतों को अपनाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं।

इस घटना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट की निगरानी और नियंत्रण की आवश्यकता को एक बार फिर से उजागर कर दिया है। हालांकि इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म्स अपने यूजर्स के लिए गाइडलाइंस और नियम बनाते हैं, लेकिन ऐसे कई मामले सामने आते हैं जहां ये नियम तोड़े जाते हैं, और इसका खामियाजा बच्चों और किशोरों को भुगतना पड़ता है।

अभिभावकों और शिक्षकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने बच्चों को इस प्रकार के कंटेंट से दूर रखें और उन्हें समझाएं कि सोशल मीडिया पर दिखाए जाने वाले सभी चीजें वास्तविक नहीं होतीं। उन्हें यह भी सिखाना चाहिए कि क्या सही है और क्या गलत, ताकि वे इन प्लेटफॉर्म्स का सही तरीके से उपयोग कर सकें।

सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों को भी इस दिशा में सख्त कदम उठाने चाहिए। ऐसे वीडियो और कंटेंट को तुरंत हटाया जाना चाहिए, जो बच्चों के लिए खतरनाक हो सकते हैं, और उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए जो इस प्रकार की सामग्री पोस्ट करते हैं।

समाज के हर वर्ग को मिलकर इस समस्या का सामना करना होगा, ताकि बच्चों को एक सुरक्षित और स्वस्थ डिजिटल वातावरण मिल सके, जहां वे बिना किसी डर या भ्रम के अपनी रचनात्मकता को निखार सकें।

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