करीना ने निर्भया से की कोलकाता रेप केस की तुलना

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

नई दिल्ली,16अगस्त। कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ बर्बरता हुई, गैंग रेप किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई। मामला सामने आने के बाद हजारों लोग न्याय की गुहार लगाते हुए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं देशभर में जनता के बीच आक्रोश है। कुछ समय पहले ही आलिया भट्ट, आयुष्मान खुराना समेत कई बॉलीवुड सेलेब्स ने इस मामले पर अपना गुस्सा जाहिए किया था, जिनमें अब प्रीति जिंटा, करीना कपूर समेत अब कई और लोग जुड़ चुके हैं।

करीना कपूर ने बीते दिन सोशल मीडिया पर इस केस की तुलना 12 साल पहले हुए निर्भया मामले से की है। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा है, 12 साल बाद भी, वही कहानी है और वही प्रोटेस्ट है। लेकिन हम अब भी बदलाव का इंतजार कर रहे हैं।

प्रीति जिंटा ने भावुक होकर लिखा हैं, हम इस दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी हैं। चुनाव में महिलाओं और पुरुष को मिलाकर 66 प्रतिशत लोगों ने वोट दिया, जिस पर अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले साल महिला वोटर्स पुरुषों से ज्यादा होंगी। अब वक्त आ चुका है कि महिलाओं की सुरक्षा सरकार के लिए पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। ये देखना बेहद हार्टब्रेकिंग और दर्दनाक है कि रेप करने वाले आरोपी का चेहरा गिरफ्तारी के समय ढका रहता है, जबकि पीड़ित का चेहरा और नाम मीडिया में हर तरफ लीक किया जाता है। न्याय की रफ्तार कभी तेज नहीं होती, सजा कभी नहीं दी जाती, लोगों को कभी जवाबदेह नहीं ठहराया जाता।

आगे प्रीति जिंटा ने लिखा है, कई महिलाएं अपनी गरिमा और जिंदगी खो देती हैं, लोगों को इससे तब तक फर्क नहीं पड़ेगा, जब तक ये आपके साथ न हो। ये वक्त है कि सभी महिलाएं एक साथ खड़ी हों और महिला सुरक्षा को एक पॉलिटिकल इशू बनाएं। इस समय सेक्शुअल वायलेंस के केस को बुरी तरह हैंडल करने वाले इंचार्ज का ट्रांसफर न हो, बल्कि उनकी नौकरियां छीनी जाएं। एक महिला के रूप में मैं निर्भया और मौमिता और हर उस लड़की से माफी मांगना चाहती हूं, जिनके साथ गलत हुआ। मैं माफी चाहती हूं कि पास्ट में मैं आपके लिए पूरी ताकत से नहीं लड़ सकी। लेकिन अब बहुत हुआ। कोई भी सुरक्षित नहीं है, जब तक सब सुरक्षित नहीं हैं।
ऋतिक रोशन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है, हमें एक ऐसी सोसाइटी बनाने की जरुरत है, जहां हर कोई सुरक्षित महसूस करे। लेकिन इसमें दशक लगेंगे। उम्मीद है कि इससे हमारे बेटे और बेटियां संवेदनशील और सशक्त बनाने से होगा। अगली जनरेशन बेहतर होगी। हम वहां मिलेंगे। फिलहाल न्याय यही होगा कि ऐसे अत्याचारों पर सख्ती से रोक लगाई जाए। इसका इकलौता तरीका है आरोपियों को कड़ी सजा देना कि उस तरह के अपराधी डर जाएं। हमें यही चाहिए। मैं पीड़ित के परिवार के साथ खड़ा रहकर उनकी बेटी को न्याय दिलाने की मांग करता हूं और जिन डॉक्टर्स पर हमला हुआ उनके साथ भी खड़ा हूं।
कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.