वसुंधरा राजे का छलका दर्द, बोलीं- ‘राजनीति में हर वक्त एक जैसा नहीं होता’, क्या पार्टी में हो रहीं साइडलाइन?
समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 3अगस्त। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक बड़ा बयान दिया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। जयपुर स्थित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कार्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, उन्होंने राजस्थान बीजेपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को बधाई दी। इस दौरान वसुंधरा राजे का दर्द भी छलक उठा। उन्होंने कहा, “राजनीति में हर वक्त एक जैसा नहीं होता। हर किसी को उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है। राजनीति की राह आसान नहीं है।”
साइडलाइन होने के कयास
वसुंधरा राजे के इस बयान के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या उन्हें राजस्थान की राजनीति से साइडलाइन करने की तैयारी चल रही है। यह चर्चा तब और जोर पकड़ने लगी जब हाल के विधानसभा चुनावों के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए नजरअंदाज किया गया था।
‘सबको साथ लेकर चलना मुश्किल’
मदन राठौड़ को बधाई देते हुए वसुंधरा राजे ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान की कमान मदन राठौड़ को सौंपने का काम किया है। मुझे आशा है कि मदन जी पीएम मोदी के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ को अपनाएंगे और सबको साथ लेकर चलेंगे। हालांकि यह बहुत मुश्किल काम है। इसको पूरा करने में बहुत सारे लोग फेल भी हुए हैं। मुझे उम्मीद है कि मदन राठौड़ इस काम को अच्छे से निभाएंगे।”
‘राजनीति का दूसरा नाम उतार-चढ़ाव’
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “राजनीति का दूसरा नाम उतार-चढ़ाव है। हर व्यक्ति को इस दौर में से गुजरना पड़ता है। राजनीति में पद, मद और कद तीन चीजें अहम होती हैं। इन तीन चीजों पर सबको ध्यान देने की जरूरत है। पद और मद हमेशा नहीं रहते हैं। अगर आप अच्छा काम करते हैं, तो लोग आपको याद रखते हैं। इस तरह आपका कद आपके साथ बना रहता है। अगर पद का मद हो जाता है, तो कद तो अपने आप ही चला जाता है। इसलिए राजनीति की राह आसान नहीं है।”
कौन हैं मदन राठौड़?
जन्म: मदन राठौड़ का जन्म 1950 में पाली के रायपुर में हुआ।
शिक्षा: वह राजस्थान यूनिवर्सिटी से ग्रेजूएट हैं।
करियर: 1970 के दशक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रचारक के रूप में करियर की शुरुआत की।
राजनीतिक भूमिका: मदन राठौड़ राजस्थान में बीजेपी के बड़े ओबीसी नेता हैं और वह दो बार विधायक रह चुके हैं। वह 2003 और 2013 में पाली जिले की सुमेरपुर विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे हैं। वर्तमान में मदन राठौड़ राजस्थान से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद हैं।
क्या पार्टी में साइडलाइन हो रहीं राजे?
2023 में राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिनमें बीजेपी को जबरदस्त जीत मिली थी। तब वसुंधरा राजे को फिर से मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चाएं जोरों पर थीं। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ और बीजेपी ने सांगानेर से पहली बार विधायक बने भजन लाल को मुख्यमंत्री बना दिया। यह वसुंधरा राजे के लिए किसी झटके से कम नहीं था, क्योंकि उन्हें ही सीएम चेहरे के रूप में प्रबल दावेदार बताया जा रहा था। उन्हें तब और बड़ा झटका लगा, जब उनके समर्थकों के टिकट भी काट दिए गए।