आयुष्मान भारत घोटाला: ईडी के रडार पर हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक आरएस बाली, कई निजी अस्पतालों पर छापेमारी

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समग्र समाचार सेवा
शिमला, 3अगस्त। हिमाचल प्रदेश में एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर सरकार और जनता के पैसों का दुरुपयोग किया गया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हिमाचल प्रदेश के शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, ऊना के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़ और पंजाब में कई जगह पर छापेमारी की। यह मामला जनवरी 2023 का है और इसमें कांग्रेस के विधायक आर एस बाली भी निशाने पर हैं।

19 महीने पुराना केस
फर्जी कार्ड के माध्यम से बड़े पैमाने पर मेडिकल बिल जनरेट किए गए, जिससे सरकारी खजाने और जनता को भारी नुकसान हुआ। ईडी ने 19 ठिकानों पर छापा मारा, जिसमें शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा, ऊना, दिल्ली, चंडीगढ़ और पंजाब की कई जगहें शामिल हैं।

मुख्य बिंदु:
कांग्रेस विधायक आर एस बाली पर आरोप: हिमाचल के नगरोटा से कांग्रेस विधायक आर एस बाली, जो हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन के चेयरमैन और हिमाचल प्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड के वाइस चेयरमैन भी हैं, उनके ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है।

आरोपित अस्पताल और व्यक्ति: बांके बिहारी अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल, श्री बालाजी अस्पताल, सूद नर्सिंग होम और श्री हरिहर अस्पताल जैसे प्रमुख संस्थानों ने एबी-पीएमजेएवाई योजना के तहत अवैध लाभ उठाया। इस घोटाले में फर्जी लाभार्थियों के रूप में रजनीश कुमार और पूजा धीमान का नाम भी शामिल है, जिन्होंने इस योजना के तहत कार्ड होने से इनकार किया।

डॉक्टर राजेश शर्मा: कांगड़ा के श्री बालाजी हॉस्पिटल से जुड़े डॉक्टर राजेश शर्मा के ठिकानों पर भी सर्च ऑपरेशन हुआ। राजेश शर्मा को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का करीबी माना जाता है।

कैसे हुआ घोटाला?
आरोप है कि इन फर्जी कार्डों के जरिए कई अस्पतालों ने इलाज, सर्जरी और भर्ती के लिए दावे किए, जो वास्तव में कभी हुए ही नहीं। सरकारी योजना का दुरुपयोग कर बड़े पैमाने पर सरकारी धन की हेराफेरी की गई।

मुख्यमंत्री सुक्खू का करीबी कनेक्शन
राजेश शर्मा ने हाल ही में देहरा सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर के लिए अपना टिकट छोड़ दिया था। कमलेश ने इस उपचुनाव में जीत दर्ज की थी, जिससे इस मामले का राजनीतिक संबंध भी जाहिर होता है।

भारत की डिजिटल हेल्थ की नई उपलब्धि
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत 50 करोड़ आयुष्मान भारत आईडी बनाई जा चुकी हैं। इस स्कीम के तहत मुफ्त इलाज का फायदा अब 70 साल से ज्यादा उम्र के सभी बुजुर्गों को मिलेगा। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) दुनिया की सबसे बड़ी सरकार की ओर से वित्तपोषित स्वास्थ्य बीमा योजना है।

इस घोटाले का पर्दाफाश होने से स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है, और यह मामला अब अदालत में विचाराधीन है। राज्य और केंद्र सरकार इस मामले में सख्त कदम उठाने की दिशा में विचार कर रही हैं ताकि भविष्य में ऐसे घोटालों को रोका जा सके।

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