समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31 जुलाई। केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 132 हो गई है, और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बचावकर्मी मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हैं, जिससे मृतक संख्या और बढ़ने की आशंका है। इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि केरल सरकार को चेतावनी दी गई थी।
अमित शाह ने कहा कि केरल में भूस्खलन की विनाशकारी घटना से सात दिन पहले ही राज्य सरकार को पूर्व चेतावनी दे दी गई थी, और 23 जुलाई को एनडीआरएफ की नौ टीमों को भी वहां रवाना कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यदि इन टीमों को देखकर भी ‘अलर्ट’ हो गई होती, तो काफी कुछ बच सकता था।
भूस्खलन की घटना पर जताया दुख
उच्च सदन में केरल के वायनाड जिले में विनाशकारी भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति के संबंध में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरणों का जवाब देते हुए शाह ने यह बात कही। उन्होंने वायनाड में हुए भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया।
23 जुलाई को केरल सरकार को दी थी चेतावनी
उन्होंने कहा कि चर्चा में कई सदस्यों ने पूर्व चेतावनी तंत्र की बात उठाई थी। उन्होंने कहा कि वह इस सदन के माध्यम से पूरे देश को बताना चाहते हैं कि 23 जुलाई को केरल सरकार को भारत सरकार की ओर से पूर्व चेतावनी दे दी गई थी।
भूस्खलन की जताई थी आशंका
उन्होंने कहा कि सात दिन पहले यह चेतावनी दिए जाने के बाद 24 एवं 25 जुलाई को फिर चेतावनी दी गई और 26 जुलाई को कहा गया कि 20 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा होगी, भूस्खलन की आशंका है, गाद भी बहकर नीचे आ सकता है, लोग इसके अंदर दबकर मर भी सकते हैं।
‘चेतावनी को पढ़िए’
अमित शाह ने कहा कि वह इन बातों को सदन में नहीं कहना चाहते थे, लेकिन जब कुछ सदस्यों ने कहा, ‘प्लीज लिसन अस (हमारी बात सुनिए), प्लीज लिसन अस… तो हमारा (सरकार का) कहना है, प्लीज रीड इट (चेतावनी को कृपया पढ़िए)। जो चेतावनी भेजी गई है, उसको पढ़िए जरा।’
उन्होंने कहा कि इस देश में कुछ राज्य सरकारें ऐसी रही हैं जिन्होंने पूर्व में इस प्रकार की पूर्व चेतावनी पर काम करके इस तरह की आपदाओं में किसी को हताहत नहीं होने दिया। उन्होंने ओडिशा की पूर्ववर्ती नवीन पटनायक सरकार को चक्रवात के बारे में सात दिन पहले दी गई चेतावनी का उदाहरण दिया और कहा कि उस चक्रवात में केवल एक व्यक्ति की जान गई, वह भी गलती से।
सात दिन पहले जारी करते हैं वार्निंग
अमित शाह ने कहा कि गुजरात को इसी प्रकार चक्रवात की तीन दिन पहले चेतावनी दे दी गई, और वहां एक पशु तक नहीं मरा। गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने 2014 के बाद पूर्व चेतावनी तंत्र पर 2000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, तथा सात दिन पहले राज्यों को चेतावनी दी जाती है।
‘कुछ लोग बस विदेश की साइटें खोलते रहते हैं’
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चेतावनी वेबसाइट पर डाली जाती है जो सांसदों के लिए भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग तो यहां की साइटें खोलते ही नहीं हैं, बस, विदेश की साइटें खोलते रहते हैं। विदेश से तो पूर्व चेतावनी आएगी नहीं, हमारी ही साइट देखनी पड़ेगी।’
उन्होंने कहा कि गर्मी, तूफान, चक्रवात, वर्षा और यहां तक आकाशीय बिजली के बारे में भी पूर्व चेतावनी देने का तंत्र मौजूद है। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने इस तंत्र का लाभ उठाया और उसके परिणाम मिले। गृह मंत्री ने कहा कि उनके अनुमोदन से 23 जुलाई को ही एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की नौ टीमें विमान से केरल रवाना हो गई थीं क्योंकि भूस्खलन होने की आशंका थी।
‘समय रहते एक्शन लेते तो बच जाती जानें’
उन्होंने प्रश्न उठाया कि केरल सरकार ने समय रहते संवेदनशील स्थलों से लोगों को एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरित क्यों नहीं किया और यदि किया, तो इतने लोग मारे कैसे गए? उन्होंने सदस्यों की टोकाटाकी पर कहा कि लोगों को पहले नहीं, बाद में स्थानांतरित किया गया।
केरल में मची है भारी तबाही
केरल में भूस्खलन के बाद मुंडक्कई और चूरलमाला इलाकों में 180 से अधिक लोग लापता हैं और 300 से ज्यादा मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। मृतकों में से 75 की शिनाख्त कर ली गई है और 123 शवों का पोस्टमार्टम कर लिया गया है। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि बरामद शवों को मेप्पडी स्वास्थ्य केंद्र और नीलमबुर सरकारी अस्पताल में रखा जा रहा है।
अगले कदम
इस त्रासदी के बाद केरल सरकार और प्रशासन के लिए यह एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि नागरिकों की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। आगामी दिनों में सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदम और उपाय इस संकट का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।