मथुरा: दीक्षित टावर की लाइब्रेरी में बच्चों की जान को खतरा, एडवोकेट अशोक शर्मा ने की प्रशासन से कार्रवाई की मांग
समग्र समाचार सेवा
मथुरा, 30जुलाई। एडवोकेट आर्य अशोक शर्मा, जो चाणक्य युवा संगठन के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, ने जिलाधिकारी को एक पत्र के माध्यम से गंभीर मुद्दा उठाया है। उन्होंने मथुरा शहर के बीचों-बीच स्थित दीक्षित टावर में चल रही लाइब्रेरी पर चिंता जताते हुए कहा कि यहाँ बच्चों की जान को गंभीर खतरा है।
पत्र में अशोक शर्मा ने बताया कि पिछले माह जून में दीक्षित टावर, कृष्ण विहार, बीएसए इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने एक गंभीर हादसा हुआ था। इसके बावजूद, लाइब्रेरी आज भी बिना किसी रोक-टोक के चल रही है। शिकायतें की गईं थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि उस दिन बच्चे किसी तरह बच गए थे।
उन्होंने बताया कि दीक्षित लाइब्रेरी की स्थिति दिल्ली की एक खतरनाक लाइब्रेरी के समान है, जहां थंब इंप्रेशन मशीन से गेट बंद रहता है। दीक्षित लाइब्रेरी के संचालक संजीव दीक्षित, अवधेश दीक्षित उर्फ भूरा और शशीकांत दीक्षित उर्फ लटूरी हैं। इस लाइब्रेरी में केवल एक ही प्रवेश और निकासी का रास्ता है, और फायर एनओसी भी उपलब्ध नहीं है। लाइब्रेरी ने सड़क पर भी कब्जा कर रखा है और अंदर किसी भी आपातकालीन निकासी का कोई रास्ता नहीं है।
अशोक शर्मा ने नगर निगम मथुरा, मथुरा प्रशासन और पुलिस प्रशासन से तत्काल इस लाइब्रेरी को बंद करने और बिल्डिंग को सीज करने की मांग की है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के हादसे से बचा जा सके।